भारत 2029-30 तक बुनियादी ढांचे पर 143 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा: Crisil

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नई दिल्ली
भारत वित्त वर्ष 2023-24 से 2029-30 के बीच बुनियादी ढांचे पर लगभग 143 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने  यह अनुमान जताते हुए कहा कि यह राशि पिछले सात वित्त वर्षों (2017-23) में खर्च किए गए 67 लाख करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।

समीक्षाधीन अवधि में कुल 36.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश हरित परियोजनाओं में होगा, जो 2017-2023 के मुकाबले पांच गुना है।

क्रिसिल ने अपनी ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ईयरबुक 2023” में कहा, ”भारत का बुनियादी ढांचा खर्च 2017-2023 की तुलना में 2024-30 के बीच दोगुना होकर 143 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।”

क्रिसिल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमीश मेहता ने कहा कि एजेंसी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा और यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था में होगा।

उन्होंने कहा, ”वित्त वर्ष 2030-31 तक प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 2,500 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 4,500 डॉलर हो जाएगी, जिससे भारत एक मध्यम आय वाला देश बन जाएगा।”

मेहता ने कहा कि नीतिगत हस्तक्षेप और अनुकूल निवेश माहौल की मदद से सभी क्षेत्रों में ‘क्रिसिल इन्फ्राइन्वेक्स’ स्कोर में तेजी हुई है।

क्रिसिल ने इन्फ्रास्ट्रक्चर ईयरबुक-2023 में एक नए राष्ट्रीय सूचकांक ‘क्रिसिल इन्फ्राइन्वेक्स’ को शामिल किया है, जो बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा, ”सड़क और राजमार्ग, बिजली पारेषण, नवीकरणीय ऊर्जा और बंदरगाह क्षेत्र का कुल स्कोर 10 में सात से अधिक है, जो पिछले कुछ वर्षों में हुए सुधारों और वृद्धि की गति को दर्शाता है।”

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के अगले चरण में परियोजनाओं के औसत आकार में वृद्धि होगी और इसमें बड़ी संख्या में विशाल परियोजनाएं शामिल होंगी।

स्कोडा अगले साल से वियतनाम को वाहनों का निर्यात करेगी

नई दिल्ली
प्रमुख वाहन विनिर्माता स्कोडा फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में निर्यात बढ़ाने की रणनीति के तहत वह अगले साल यानी 2024 से वियतनाम को वाहनों का निर्यात शुरू करेगी।

कंपनी ने बयान में कहा कि भारत में बने वाहन निर्माण किट अगले साल से वियतनाम को निर्यात किए जाएंगे और वहां पर वाहनों का अंतिम उत्पादन किया जाएगा।

फॉक्सवैगन ने पुणे के चाकण स्थित अपने मुख्यालय में कलपुर्जा अभियान केंद्र (पीईसी) की शुरुआत की है। यह केंद्र 16,800 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसकी शुरुआती क्षमता 27,000 कार किट के विनिर्माण की है। इसे बाद में बढ़ाकर 40,000 कार किट तक पहुंचाया जा सकता है।

स्कोडा ऑटो के बोर्ड सदस्य (उत्पादन एवं लॉजिस्टिक) आंद्रियास दिक ने कहा, ”पीईसी की शुरुआत करने के साथ हम भारत और वियतनाम के बीच एक पुल बना रहे हैं और इन दो प्रमुख बाजारों के बीच तालमेल बिठाने वाला मंच स्थापित कर रहे हैं।”

दिक ने कहा कि वियतनाम के बाद दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के अन्य उभरते बाजारों को भी पीईसी से निर्यात किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वियतनाम में कंपनी की समर्पित उत्पादन इकाई का निर्माण कार्य जारी है और इसके वर्ष 2024 के पहले हिस्से में शुरू हो जाने की उम्मीद है। स्कोडा की तरफ से वियतनाम को कुशाक और स्लाविया मॉडलों को निर्यात किया जाएगा।

टाटा मेटालिक्स का मुनाफा दूसरी तिमाही में तीन गुना होकर 44 करोड़ रुपये पर

नई दिल्ली
टाटा मेटालिक्स लिमिटेड का 30 सितंबर, 2023 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का शुद्ध लाभ तीन गुना होकर 44.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

कंपनी ने  शेयर बाजारों को यह जानकारी दी।

एक साल पहले जुलाई-सितंबर में कंपनी ने 14.29 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। कंपनी ने बताया कि खर्च घटने से उसका मुनाफा बढ़ा है।

समीक्षाधीन अवधि में टाटा मेटालिक्स की कुल आय सालाना आधार पर 881.77 करोड़ रुपये से घटकर 758.05 करोड़ रुपये रह गई।

जुलाई-सितंबर, 2023 में कंपनी का खर्च सालाना आधार पर 861.64 करोड़ रुपये से घटकर 696.41 करोड़ रुपये रह गया।

 

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