रायपुर की नूपुर चंद्राकर की बालीवुड में एंट्री
रायपुर.
हिंदी बालीवुड फिल्म ‘गुठली लड्डू’ सिनेमाघरों में शुक्रवार को रिलीज हुई। फिल्म में एक वर्ग की समस्यओं को दर्शाया गया कि किस प्रकार से उन्हें मुलभूत सुविधाओं और संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा जाता है। फिल्म में प्रसिद्ध अभिनेता संजय मिश्रा ने भी अहम भूमिका निभाई है। फिल्म का जुड़ाव रायपुर से भी है। शंकर नगर निवासी नुपूर चंद्राकर ने निर्देशक इशरत आर खान के साथ फिल्म में सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई है। रायपुर में फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान वे सिटी माल 36 पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने नईदुनिया से बातचीत कर अपने बारे में जानकारी दी। नूपुर ने बताया कि सहायक निर्देशक के रूप में ‘गुठली लड्डू’ उनकी छठवीं फिल्म है। इससे पहले वे कलंक, प्रस्थानम जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं।
प्रोडक्शन में कर चुकी हैं काम
नुपूर चंद्राकर ने बताया कि रायपुर में एमबीए करने के बाद मैं 2008 में बिजनेस करने मुंबई चली गई। लेकिन मुंबई जैसेे मेट्रो सिटी में व्यापार स्थापित करने आसान नहीं था। पिता टुकेश्वर प्रसाद चंद्रकार बिजनेसमैन है तो मुझे भी उस क्षेत्र में आकर्षण रहा। लेकिन मुझे फिल्म उद्योग में रुचि थी तो मैने मैंने फिल्मों की तरफ रुख किया। शुरू में कई सारे शार्ट फिल्म में सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई। इसके बाद संजय दत्त प्रोडक्शन में बनी फिल्म कलंक में काम करने का असवर मिला। कुल छह बड़ी बालीवुड फिल्मों काम किया जिसमें से फिल्म स्काटलैंड आस्कर पुरस्कार के लिए नामित हुई थी।
आज भी पिछड़े हुए है लोग
फिल्म ‘गुठली लड्डू’ की कहानी को लेकर नुपूर चंद्रकार ने कहा कि फिल्म सामाजिक भेदभाव के बीच शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे एक दलित बच्चे के संघर्ष को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में भी कुछ लोगों का शोषण किया जा रहा है, अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है और अपमानित किया जा रहा है। जो बिल्कुल ही निंदनीय है। संविधान ने सभी को समान अधिकार दिए है, सभी को जीने और शिक्षा का अधिकार है। नुपूर चंद्रकार ने बताया कि निर्देशन के बाद अब वे फिल्म निर्माता के रूप में भी काम करने वाली हैं। बालीवुड के दो फिल्मों में वह निर्माता के रूप में काम करने वाली है। खास बात यह है कि फिल्मों की ज्यादातर शूटिंग छत्तीसगढ़ में ही होगी। जिसमें मुख्य भूमिका में हिंदी फिल्मों के बड़े चेहरे नजर आएंगे। साथ ही प्रदेश के कालाकारों को भी अवसर दिया जाएगा।