उरमाल में झोलाछाप डॉक्टर मस्त प्रशासन पस्त…

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*उरमाल में झोलाछाप डॉक्टर मस्त प्रशासन पस्त* *गजानन्द कश्यप की रिपोर्ट*-उरमाल में ओडिशा का झोलाछाप डॉक्टर खेल रहा ग्रामीण के स्वास्थ्य पर *स्वास्थ्य प्रशासन नही कर सकी अब तक कोई ठोस कार्यवाही *कई वर्षो से कर रहाअवैध क्लिनिक का संचालन *इलाज और परीक्षण खुद कर रहा और दवा भी खुद देकर कर रहा आर्थिक शोषण * क्लिनिक में बेड की सुविधा नही जमीन पर मरीज का हो रहा इलाज ना उसके पास कोई डिग्री ना मरीजो का सही इलाज ओडिशा का एक झोलाछाप डॉक्टर वर्षो से उरमाल के जुंगापारा में लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बी. प्रधान नाम का यह झोलाछाप डॉक्टर जिसे लोग ओडिया डॉक्टर के नाम से जानते है इनके गलत इलाज ने मगरगोडा, कोकडीमाल सहित आधे दर्जन गाँव के ग्रामीणगलत इलाज का शिकार हो गये है।

जब सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ के टीम को इस बात की भनक लगी तो टीम ने गाँव तक पहुँचकर हकीकत जानने की कोशिश की मगरगोडा के पिडित टीमक सिंह के पिता नोहर सिंह और कोकडीमाल गाँव के पिडित ने बताया उरमाल के झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के चलते लम्बे समय से इंफैक्शन का शिकार हो गये है। ग्रामीणो से मुलाकात के बाद जब मिडिया की टीम झोलाछाप डॉक्टर के निजी क्लिनिक पहुँचकर देखा तो ना वहाँ बेड की सुविधा थी और ना नर्सिंग होम ऐक्ट के गाइडलाइन का पालन हो रहा है। उरमाल के इस झोलाछाप डॉक्टर के पास ना कोई सरकारी डिग्री है और ना ही क्लिनिक चलाने छग में कोई पंजीयन है शिकायत पर कई बार क्लीनिक सील किये गये पर कुछ दिन बाद प्रशासन के मेहरबानी से फिर से खुल जाते है।जहाँ झोलाछाप डॉक्टर अमानक और जैनरिक दवाये देकर ग्रामीणो से मोटी रकम तो वसूल रहा है वही उसके निजी क्लिनिक में बिना डिग्री के पैथोलाँजी लैब चलाकर ग्रामीणो को झूठी रिपोर्ट के जरिये छल रहा है।

आइये हम आपको वो तस्वीर दिखा रहे इस तस्वीर को देखने के बाद सहज अनुमान लगाया जा सकता है छग के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर कैसे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।उरमाल के इस झोलाछाप डॉक्टर गाँव के ऐसे जगह अपना अवैध क्लीनिक का संचालन कर रहा है जहाँ तक ना प्रशासन की नजर जा सकी है और ना ही प्रशासन का कोई कर्मचारी वहाँ तक पहुंचने की हिमाकत कर सका है क्योकि ये झोलाछाप डॉक्टर बस्ती के कुछ लोगो को उनके खिलाफ खडा कर देता है।जब इस संबंध में बीएमओ गजेन्द्र कुमार से सम्पर्क किया गया तो फोन बंद कर दिया गया। आने वाले दिनो में देखना होगा प्रशासन इस झोलाछाप डॉक्टर पर क्या कारवाई करती है। रिपोर्टर – गजानन्द कश्यप देवभोग

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