CG के सौरभ चंद्राकर ने दाऊद के भाई से मिलाया हाथ, सट्टेबाजी का एक और एप लॉन्च किया

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रायपुर
महादेव बेटिंग ऐप केस
(Mahadev Betting App) में बड़ा खुलासा हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के इनवेस्टिगेशन में सामने आया है कि महादेव ऐप प्लेटफॉर्म के सरगना सौरभ चंद्राकर (Saurabh Chandrakar) ने अब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई मुश्तकीम से हाथ मिला लिया है. सौरभ और मुश्तकीम ने मिलकर गेम एप लांच किया है. इसमें एक एप है 'खेलोयार' जो भारत और पाकिस्तान में चलाया जा रहा है.

खेलोयार भी एक बेटिंग एप है, जिसके माध्यम से सौरभ चंद्राकर और दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) का भाई मुश्तकीम करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. मुश्तकीम ने सौरभ को अपनी सिक्योरिटी भी दी है. दुबई से दोनों मिलकर लगातार बेटिंग एप चला रहे हैं, जिससे रोज करोड़ों का मुनाफा हो रहा है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ का रहने वाला सौरभ चंद्राकर ने दुबई पहुंचकर ऑनलाइन सट्टेबाजी का एप शुरू किया था. इस एप का नाम 'महादेव गेमिंग-बेटिंग ऐप' था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशायल (ED) की कार्रवाई अभी चल रही है. कई राज्यों में छापेमारी भी हो चुकी है.

महादेव बुक ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी संयुक्त अरब अमीरात में फरवरी में हुई थी. इस शादी में शानदार इवेंट रखा गया था, जिसमें कई फिल्मी सितारों और गायकों ने परफॉर्म किया था. आरोप लग रहा है कि शादी में परफॉर्म करने वाले फिल्मी कलाकारों को हवाला के माध्यम से 200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा दिए गए थे. वहीं फैमिली मेंबर्स को नागपुर से UAE तक ले जाने के लिए किराए पर प्राइवेट जेट लिए गए थे.

इसी मामले में ईडी ने मुंबई, भोपाल और कोलकाता में छापेमारी की. जांच के दौरान पता चला कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल नाम के आरोपियों ने UAE में अरबों का साम्राज्य खड़ा कर लिया है. दोनों अवैध तरीके से कमाई गई दौलत का प्रदर्शन कर रहे हैं.

कौन है सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल?

छत्तीसगढ़ में साधारण परिवार में जन्मे सौरभ चंद्राकर (saurabh chandrakar) ने 2018 तक भिलाई में महादेव जूस सेंटर चलाया. इसके बाद वह ऑनलाइन सट्टेबाजी कराने वाले ऐप्स पर दांव लगाने लगा. सौरभ इसमें करीब 15 लाख रुपये हार चुका था. उसका दोस्त रवि उप्पल भी साधारण पृष्ठभूमि से है, वह छोटे-मोटे काम करता था. रवि ने भी कुछ एप में सट्टेबाजी की थी और 10 लाख से ज्यादा गंवा दिए थे.

सट्टेबाजी सिंडिकेट से वसूली का दबाव पड़ा तो सौरभ और रवि भिलाई से किसी तरह दुबई भाग गए. दुबई पहुंचकर पहले तो दोनों ने छोटे-मोटे काम किए, इसके बाद महादेव बुक एप नाम से सट्टेबाजी एप लॉन्च कर दिया. इसके लिए दोनों ने पैसे भी जुटा लिए.

इस एप का नाम सौरभ ने भिलाई में अपने जूस सेंटर से लिया था, एप को यूरोप स्थित कुछ सॉफ्टवेयर कोडर्स ने बनाया था, जिसे साल 2020 में कोविड लॉकडाउन के समय लॉन्च किया गया था. इसके बाद से एप के माध्यम से सौरभ और रवि ने अरबों रुपये कमा लिए. इनका नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला था. महादेव बुक एप के खिलाफ आत्महत्या के लिए लोगों को उकसाने के केस भी दर्ज हुए.

 

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