कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, व्रत आरंभ करना भी रहेगा उत्तम…

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कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, व्रत आरंभ करना भी रहेगा उत्तम ✍🏻 रिपोर्टर विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद इस साल जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। श्रीमद भागवत पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि के मध्य रात्रि में हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त को पड़ रहा है। शास्त्रों के अनुसार, भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि में चंद्रमा इसके साथ सोमवार या बुधवार का होना बेहद दुर्लभ संयोग माना जाता है। इस बार जन्माष्टमी पर यह सभी योग बन रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अष्टमी तिथि सुबह से शुरू होकर रात 12 बजे के बाद तक रहेगी। इसके बाद 31 अगस्त की देर रात से नवमी तिथि लग जाएगी। 30 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र का दुर्लभ संयोग रहेगा और चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के कारण इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बेहद शुभ और खास रहने वाली है। माना जा रहा है कि दुर्लभ संयोग में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। जन्माष्टमी का व्रत उत्तम- जन्माष्टमी का व्रत आरंभ करने वालों के लिए यह साल बेहद खास है। जो लोग जन्माष्टमी का व्रत प्रारंभ कर रहे हैं, तो उनके लिए जन्माष्टमी व्रत उत्तम रहेगा। जन्माष्टमी व्रत 30 अगस्त को ही रखा जाएगा।✍🏻 रिपोर्टर विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद

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