LAC के अग्रिम मोर्चे पर किया तैनात, सेना की साथी की भूमिका निभा रही प्रादेशिक सेना

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नई दिल्ली
 पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी सैन्य टकराव के बाद भारतीय सेना को चीनी भाषा मंदारिन के विशेषज्ञ उपलब्ध कराने में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) अहम भूमिका निभा रही है। एलएसी पर गतिरोध को लेकर होने वाली भारत-चीन के बीच सैन्य वार्ताओं में सेना इन चीनी भाषा के विशेषज्ञों की सहायता ले रही है।

भारतीय सेना की असैन्य रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने में सहायक भूमिका निभा रही टेरिटोरियल आर्मी ने अब सेना की साइबर सुरक्षा चुनौतियों के लिए पहला रक्षा कवच बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके लिए साइबर सुरक्षा के कुछ विशेषज्ञों को टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जबकि भारतीय रेलवे में सात दशक से तैनात टेरिटोरियल आर्मी के छह में से पांच विशेष बटालियनों को समाप्त कर दिया गया है।

एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर किया है तैनात
सेना ने इसी अगस्त महीने में इन पांचों को एलएसी के अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया है, जिनका चीन के साथ सैन्य वार्ताओं में उपयोग किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि सैन्य प्रभुत्व बनाए रखने के लिए साइबर सुरक्षा बेहद अहम हो गया है, क्योंकि साइबर खतरों का आकार कई गुना बढ़ गया है। सेना साइबर रणनीति और युद्ध कौशल के क्षेत्र में अपना काम कर रही है, मगर टेरिटोरियल आर्मी भी इसमें सहायक भूमिका निभाएगी और इसके मद्देनजर पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को नियुक्त किया जा रहा है।

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