लंदन में तिरंगे की शान की खातिर खालिस्तान समर्थकों के सामने डटा भारतीय छात्र
अमेरिका के कोलोराडो के ग्रीन फ्यूनरल होम में 115 शव मिलने से सनसनी, जांच जारी
कैनन सिटी
अमेरिका के कोलोराडो में एक ग्रीन फ्यूनरल होम में 115 शव मिलने से हड़कंप मच गया है। पुलिस ने कहा कि शवों के गलत तरीके से रखने की जांच की जा रही है।
फ्रेमोंट काउंटी शेरिफ एलन कूपर ने बताया कि जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या यहां कुछ गलत हुआ है या कोई बड़ी लापरवाही की गई है। कोलोराडो के पेनरोज में रिटर्न टू नेचर फ्यूनरल होम में शवों की 'हरित' अंत्येष्टि बिना केमिकल व ताबूत के किया जाता है।
यह जांच फ्यूनरल होम वाली एक इमारत पर केंद्रित है, जहां स्थानीय निवासियों ने पुलिस को दुर्गंध आने की सूचना दी। पुलिस अधिकारियों को इमारत में बुलाया गया था।
जब फ्रेमोंट काउंटी शेरिफ कार्यालय के अधिकारी तलाशी वारंट के साथ पहुंचे तो उन्होंने अनुचित तरीके से संग्रहीत अवशेष पाए। अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका मानना है कि फिलहाल जनता के स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है।
एफबीआई प्रवक्ता विक्की मिगोया ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोई अपराध किया गया है या नहीं, यह जांच के अधीन है। कूपर ने कहा कि जांचकर्ता अंतिम संस्कार गृह संचालकों के संपर्क में हैं और वे सहयोग कर रहे हैं। पेनरोज शहर में लगभग 3,000 लोग रहते हैं।
बता दें कि कोलोराडो कानून के तहत, ग्रीन फ्यूनरल कानूनी है, लेकिन राज्य कोड के लिए आवश्यक है कि 24 घंटे के भीतर दफन नहीं किए गए किसी भी शव को ठीक से रखा जाना जाना चाहिए।
73 वर्षीय जॉयस पावेटी जिनके घर की छत से अंत्येष्टि स्थल को देखा जा सकता है, उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में सड़ी हुई गंध का अहसास हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने मान लिया था कि कोई जानवर मर गया है।
रिकॉर्ड के अनुसार, रिटर्न टू नेचर की स्थापना छह साल पहले कोलोराडो स्प्रिंग्स में की गई थी। कंपनी की वेबसाइट की माने तो रिटर्न टू नेचर फ्यूनरल होम बायोडिग्रेडेबल ताबूत, कफन या बिना कुछ डाले शवों को दफनाने की सुविधा प्रदान करता है।
लंदन में तिरंगे की शान की खातिर खालिस्तान समर्थकों के सामने डटा भारतीय छात्र
लंदन
ब्रिटेन में देश के तिरंगे की शान के लिए भारतीय युवक बिना डरे खालिस्तानी समर्थकों के समाने डटा रहा। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के सामने सोमवार को खालिस्तान समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान भारतीय छात्र सत्यम ने तिरंगे की शान की रक्षा के लिए सड़के पर पड़े पैरों से लग रहे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को उठाया।
इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद भारतीय छात्र सत्यम ने कहा यह सब करने के लिए मेरी अंतरात्मा से आवाज आई।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक्स के छात्र सत्यम का कहना है कि मैंने देखा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जा रहा था। मैं महिला पुलिसकर्मी के पीछे जा पहुंचा। वह जानबूझकर झंडे पर पैर रख रही थी। मैंने वहां से तुरंत झंडा उठाया और हट गया। भारतीय ध्वज का अपमान देखकर मैं स्तब्ध रह गया कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों में से एक ने उच्चायोग के सामने खड़े होकर भारत विरोधी भाषण दिया और भारतीय ध्वज को जमीन पर फेंक दिया। वह घटनास्थल के पास ही खड़े थे। उन्होंने सड़क से ध्वज उठा लिया। ऐसा करने से कुछ खालिस्तान समर्थक उनपर भड़क गए, लेकिन वह घबराए नहीं।
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने और सत्यम की सुरक्षा के लिए उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल दिया। सत्यम ने कहा कि उसके माता-पिता सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, लेकिन उन्होंने जो किया उससे वे खुश हैं।