नक्सलियों ने CG पुलिस के जवान को 8 दिनों बाद किया रिहा
बीजापुर
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए एक पुलिस जवान को रिहा कर दिया गया है। इसकी जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी।बस्तर फाइटर्स के आरक्षक शंकर कुड़ियम को नक्सलियों ने शुक्रवार की शाम लगभग छह बजे सुरक्षाबल की नौकरी छोड़ने की शर्त पर रिहा कर दिया है। नक्सलियों ने अबूझमाड़ के जंगल में लगाई जनअदालत में यह निर्णय सुनाया। इस दौरान कई नक्सली लीडर, आसपास के तीन-चार गांवों के ग्रामीण, शंकर के स्वजन और सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।
राज्य पुलिस की नवगठित इकाई 'बस्तर फाइटर्स' से जुड़े शंकर कुडियम (28) लगभग एक सप्ताह से लापता थे। गुरुवार को नक्सलियों ने दावा किया कि उन्होंने 29 सितंबर को उनका अपहरण कर लिया था।
शुक्रवार की देर शाम, कुडियम को आदिवासी संगठनों की एक छत्र संस्था, सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों और उसके रिश्तेदारों की उपस्थिति में रिहा कर दिया गया।
अपनी रिहाई के बाद एक स्थानीय पत्रकार से बात करते हुए कुडियाम ने कहा कि उसे नक्सलियों ने अगवा कर लिया था।
नक्सलियों ने 8 दिन बाद कुडियाम को किया रिहा
उन्होंने कहा, मुझसे पूछताछ करने के बाद उन्होंने मुझे मारने का फैसला किया। हालाँकि, बाद में समाज (आदिवासी समुदाय) के सदस्यों और मेरी पंचायत के सदस्यों द्वारा मुझे माफ करने का आग्रह करने के बाद उन्होंने अपना मन बदल लिया। यहां तक कि मैंने उनसे माफी भी मांगी। आठ दिन बाद उन्होंने मुझे रिहा कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या कैद के दौरान उसे प्रताड़ित किया गया, कांस्टेबल ने इनकार किया और कहा कि नक्सली उसके साथ अपने दोस्त की तरह व्यवहार करते थे।
गुरुवार को कथित तौर पर सीपीआई (माओवादी) की माड डिवीजनल कमेटी की सचिव अनीता मंडावी के नाम से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया कि एरामनार गांव के निवासी कुडियाम का 29 सितंबर को अपहरण कर लिया गया था और उससे पूछताछ जारी थी।
इसमें दावा किया गया कि पुलिस को उसके अपहरण की जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया, जिससे उनकी मंशा का पता चलता है।
नक्सलियों ने बयान जारी कर दी थी जानकारी
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक अंजनेय वार्ष्णेय ने एक बयान में कहा कि उन्हें कुडियाम के अपहरण के बारे में तब पता चला जब नक्सलियों ने एक बयान जारी किया।
एसपी ने कहा कि कई मौकों पर पुलिस ने गोलीबारी में घायल हुए नक्सलियों को बचाने और उनकी जान बचाने में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है।
सर्व आदिवासी समाज ने भी नक्सलियों से कुड़ियम को रिहा करने की अपील की थी।