चुनाव आयोग से भी जवाब तलब: रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राजस्थान और मध्य प्रदेश को भेजा नोटिस

Spread the love

नई दिल्ली

राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी-अपनी सरकार बचाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। दूसरे शब्दों में कहे तो रेवड़ी कल्चर को खूब बढ़ावा दे रही है। इसके खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया है कि करदाताओं के पैसे पर नकदी और अन्य मुफ्त के सामानों और सुविधाओं का वितरण किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान को नोटिस जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 4 सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा है। इस मामले को वरिष्ठठ वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर पुराने मामले के साथ सूचीबद्ध किया गया है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में चुनाव के दौरान किए गए मुफ्त के वादों को रेवड़ी कल्चर कहकर संबोधित करते हैं। उनका कहना है कि इससे कभी देश का भला नहीं हो सकता है। हालांकि, भाजपा शासित राज्यों में भी इसकी खूब घोषणा की जाती है।

गुजरात में बीते विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने लोगों को कई चीजें मुफ्त देने की बात कही थी। आप के साथ-साथ कांग्रेस ने भी गुजरात की जनता को 300 यूनिट तक बिजली फ्री देने की बात कही थी। इसके अलावा आप ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो 18 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं को 1000 रुपये प्रति महीने दिया जाएगा। इसके उन्होंने गुजरात में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का भी वादा किया था। कर्नाटक में भी कांग्रेस ने कई तरह के मुफ्त के वादे किए थे। गुजरात में हालांकि, बीजेपी को जीत मिली, लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस को लोगों का समर्थन मिला और सरकार बनी।

 

You may have missed