प्रलेस और इप्टा द्वारा पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा
## अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) और इप्टा ने तथाकथित न्यूज़क्लिक प्रकरण के बहाने वरिष्ठ पत्रकारों, इतिहासकारों, वैज्ञानिकों, लेखकों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर पुलिस कार्यवाही को बताया घोर निंदनीय
अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को कुचलने व डरावे की राजनीति के खिलाफ उठाई आवाज़##
चंडीगढ़: 3 अक्तूबर।
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) और जन नाट्य संघ के केंद्रीय नेतृत्व ने तथाकथित न्यूज़क्लिक प्रकरण के बहाने देश के वरिष्ठ पत्रकारों प्रंजय गुहा ठाकुरता, उर्मिलेश, भाषा सिंह, अभिसार शर्मा, प्रबीर पुरकायस्था, गीता हरिहरण, सुबोध वर्मा, औनिंद्यो चक्रवर्ती, इतिहासकार सुहेल हाश्मी, व्यंग्यकार संजय राजौरा, वैज्ञानिक एवं लेखक डी. रघुनंदन, सामाजिक कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ इत्यादि पर पुलिस कार्यवाही को अनुचित व अवैध करार देते हुए इस कार्यवाही को घोर निंदनीय बताया है। प्रलेस अध्यक्ष पी. लक्ष्मीनारायण, कार्यकारी अध्यक्ष विभूति नारायण राय व महासचिव डा. सुखदेव सिंह सिरसा तथा इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसन्ना, कार्यकारी अध्यक्ष राकेश,महासचिव तनवीर अख्तर ने कहा है कि यह कार्यवाही अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को कुचलने व जन-पक्षीय विचारकों में दबाव एवं डर की भावना उत्पन्न करने का कुत्सित प्रयास है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इस पुलिस कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाए और पत्रकारों, लेखकों, बुद्धिजीवियों, वैज्ञानिकों, व्यंग्य-लेखकों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं इत्यादि को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अंतर्गत अपनी भावनाएं व विचारों को प्रकट करने के मामले में खलल न डाला जाए। प्रलेस केंद्रीय नेतृत्व ने इन पत्रकारों, लेखकों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकत्ताओं इत्यादि के प्रति अपना समर्थन व एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा है कि यदि ऐसी कार्यवाहियों पर तुरंत रोक न लगाई गई तो अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ सम-विचार संगठनों को साथ लेकर जनता को लामबद्ध करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की रक्षा व दबाव एवं डर के माहौल के ख़िलाफ़ जन-अभियान व जन-आंदोलन शुरू करेगा।