टास्क फोर्स (बाल श्रम) एवं राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना समिति की समीक्षा बैठक सम्पन्न…

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टास्क फोर्स (बाल श्रम) एवं राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना समिति की समीक्षा बैठक सम्पन्न जिला टास्क फोर्स (बाल श्रम) एवं राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना समिति की बैठक आज मंगलवार को कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें बाल श्रम के संशोधित प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक मे बताया गया कि बालक एवं किशोर श्रम अधिनियम के उल्लघंन की दशा में 06 माह से 03 वर्ष की कारावास एवं 20,000/- से 50,000/- के अर्थदण्ड का प्रावधान है। बालक एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 संशोधित अधिनियम, 2016 के प्रावधान अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु के किशोरों का 107 अधिसूचित खतरनाक व्यवसाय/प्रक्रियाओं में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। केवल कला एवं घरेलू कार्यो में शिक्षा के साथ कार्य करवाया जा सकता है। मुख्य प्रतिबंधित क्षेत्र कारखाना, होटल एवं ढाबा, बीडी उद्योग, ईट भट्टा खपरेल निर्माण, निर्माण कार्य, पत्थर खदान, आटोमोबाइल वक्र्स शाॅप, गैरेज, खाद्य प्रसंस्करण आदि है। बाल श्रम पुनर्वास कोष की स्थापना जिले में की जा चुकी है। जिसमें जुर्माने के तहत प्राप्त राशि एवं केन्द्र सरकार द्वारा राशि प्राप्त होगी जिसका उपयोग बच्चों के पुनर्वास में किया जावेगा। संवाददाता:- खेलन सोनवानी सर्वोच्च छत्तीसगढ़। कलेक्टर द्वारा बाल श्रम उन्मूलन हेतु निरंतर कार्यवाही किए जाने एवं प्रभावी प्रवर्तन पर जोर दिए जाने एवं आम नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के संचालन एवं बाल श्रमिक सर्वेक्षण के संबंध में विस्तार से चर्चा किया गया। निर्देशानुसार जिला स्तर पर विभिन्न संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर जनगणना में बाल श्रमिक आकडे के आधार पर बाल श्रमिक चिन्हांकन सूची तैयार किया जाना है। प्रभावशील प्रवर्तन हेतु जिले में बाल श्रमिक संभावित संस्थानों का चिन्हांकन कर अधिनियम अंतर्गत बाल श्रमिक नियोजित पाये जाने पर बाल श्रम नियोजकों के विरूद्ध आवश्यक अनुवर्ती कार्यवाही किये जाने हेतु उपस्थित सदस्यों द्वारा सहमति प्रदान किया गया। बैठक में बिन्दुवार एजेण्डा में चर्चा किया गया जिसमें बाल श्रमिक बेसलाॅइन सर्वेक्षण प्रक्रिया एवं प्रस्ताव, बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम, 1986 प्रभावी प्रवर्तन एवं क्रियान्वयन, बाल श्रमिक पुनर्वास, बालक श्रमिकों को नियमित शालाओं में प्रवेश दिलाकर मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास, खतरनाक प्रक्रियाओं में कार्यरत श्रमिकों की स्थिति एवं चिन्हाकित बाल श्रमिक के परिवार को शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित करने आदि पर चर्चा किया गया। श्रम पदाधिकारी श्री एन. के. साहू द्वारा पूर्व में किये गये कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया तथा उक्त संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उप पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बेमेतरा, साजा, नवागढ़ व बेरला, चाईल्ड लाइन एवं श्रम विभाग के निरीक्षक एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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