सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स प्लांटिंग मामले में पूर्व IPS संजीव भट्ट की याचिका की खारिज, तीन लाख का लगाया जुर्माना
नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की तीन याचिकाएं खारिज कर दीं। SC ने कथित मादक पदार्थ रोपण मामले में निचली अदालत के न्यायाधीश के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाने के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर जुर्माना लगाया। इसके अलावा पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बार-बार कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए भी फटकार लगाया।
बार-बार कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए पीठ ने कहा, ''आप कितनी बार सुप्रीम कोर्ट गए हैं… कम से कम एक दर्जन बार,'' और उनके द्वारा दायर इसी तरह की याचिका में एक अन्य पीठ के पहले के आदेश का भी हवाला दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर करने के लिए प्रत्येक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया और आदेश दिया कि यह राशि गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के पास जमा की जाए।
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने दायर की थी तीन याचिका
एक याचिका में, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को दूसरे सत्र न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की और दूसरे में, उन्होंने निचली अदालत की कार्यवाही की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए निर्देश देने की मांग की। तीसरे मामले में अतिरिक्त सबूत जोड़ने की मांग की। पीटीआई के अनुसार पूर्व आईपीएस अधिकारी को एक व्यक्ति को कथित तौर पर ड्रग्स रखने और उसे गिरफ्तार करने के मामले में 2018 में गुजरात सीआईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
10 मई को भी एक याचिका हुई थी खारिज
इससे पहले, एक अन्य पीठ ने 10 मई को भट्ट की एक अलग याचिका खारिज कर दी थी। उस याचिका में 1990 के एक मामले में उनकी सजा के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में उनकी अपील के समर्थन में अतिरिक्त सबूत जमा करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। उन्होंने 10 मई को अपनी याचिका पर सुनवाई से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एम आर शाह को भी अलग करने की मांग की थी।