28 हजार रिश्वत लेने वाले रेलवे अधिकारी को चार वर्ष की कैद

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रायपुर
 पांच साल पहले रिश्वत लेते सीबीआइ के हत्थे चढ़े रेलवे अधिकारी प्रमोद कुमार को कोर्ट ने चार साल कैद और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर आरोपित को छह माह अतिरिक्त कारवास की सजा भुगतनी होगी।

रेलवे अधिकारी ने अपने ही विभाग के लिपिक से एक लाख 50 हजार रुपये वेतन और एरियर्स की बकाया राशि दिलाने के एवज में रिश्वत मांगी थी। शिकायत पर सीबीआइ ने पूरे मामले की जांच करने के बाद रेलवे अधिकारी को योजनाबद्ध तरीके से रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था।

वहीं प्रकरण की जांच करने के बाद 29 जून 2017 को कोर्ट में चालान पेश किया। इसकी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किए गए। सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल ने सीबीआइ की केस डायरी और गवाहों के बयान के आधार पर फैसला सुनाया।

यह था मामला

वरिष्ठ लोक अभियोजक रजत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के बिलासपुर स्थित डिवीजनल पर्सनल आफिसर कार्यालय में प्रमोद कुमार आफिस सुपरिटेंडेंड के पद पर थे। उनसे विभागीय लिपिक ने अपना बकाया वेतन और एरियर्स की राशि दिलाने संपर्क किया। इस दौरान प्रमोद कुमार ने बकाया राशि का भुगतान करने के एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। लेकिन 28 हजार रुपये देने पर बिल पास करने का आश्वासन दिया। साथ ही रकम लेकर 21 फरवरी 2017 को बिलासपुर के सिटी बस स्टाप पर बुलवाया। इस दौरान सीबीआइ ने योजनाबद्ध तरीके से रिश्वत लेते हुए प्रमोद कुमार को रंगे हाथों पकड़ा। तलाशी में उसके पास से रिश्वत की रकम बरामद होने पर उसे गिरफ्तार किया गया था।

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