बिलासपुर मुख्यालय में हिंदी काव्य पाठ, गीत एवं गजल गायन प्रतियोगिता संपन्न
बिलासपुर
राजभाषा पखवाड़ा 2023 के अंतर्गत राजभाषा विभाग, मुख्यालय, द.पू.म.रेलवे बिलासपुर एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बिलासपुर के तत्वावधान में रेल अधिकारियों, कर्मचारियों तथा नराकस कार्यालयों के सदस्यों हेतु स्वरचित हिंदी काव्य पाठ, गीत एवं गजल गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर श्री अरविन्द्र मेश्राम, अध्यक्ष, रेलवे भर्ती बोर्ड, बिलासपुर तथा कवि एवं साहित्यकार श्री देवांशु पाल ने निर्णायकों की भूमिका का निर्वाह किया।
इस मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों ने अपनी स्वरचित रचनाओं जैसे लफ्ज़ों के निशाँ, तुम मरे नहीं जिÞंदा हो उठाओ आवाज जगाओ आत्मविश्वास, जैसे-जैसे रास्ते मिलते, वैसे ही राही चलना पड़ता, भारत के जीवन की रेखा है अपना रेलवे, मौन के साये में क्यूं जी रही हैं औरतें, अपनी आजादी के लिए लड़ रही हैं औरतें आदि का प्रभावशाली और मनमोहक पाठ किया और खूब प्रशंसा बटोरी।
इस अवसर पर श्री अरविन्द्र मेश्राम, अध्यक्ष, रेलवे भर्ती बोर्ड ने सभी प्रतिभागियों की रचनाओं की सराहना करते हुए उन्हें अपनी रचनाओं में पैनापन और उत्कृष्टता लाने तथा निरंतर लेखन जारी रखने को कहा। श्री मेश्राम ने जोर दिया कि अच्छे लेखन और प्रस्तुतिकरण के लिए कल्पनाशीलता, अच्छे साहित्य, साहित्यकारों और साहित्यिक विधाओं का ज्ञान होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने प्रतिभागियों से राजभाषा हिंदी में अधिक से अधिक रचना करने और एक दूसरे से सीखने की प्रक्रिया को जारी रखने की बात कही।
कवि एवं साहित्यकार श्री देवांशु पाल ने प्रस्तुतियों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी रचनाएं नई, सम-सामयिक और प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी काव्य प्रस्तुति के लिए नये कवियों को अधिक से अधिक पाठन पर जोर देना चाहिए। हिंदी साहित्य जगत में कवि के रूप में स्वीकार्यता कभी-कभार बंद कमरों में काव्य पाठ करने से नहीं, बल्कि निरंतर लेखन जारी रखते हुए अपनी मौलिक कृतियों व रचनाओं का प्रकाशन और खुले मंचों पर प्रस्तुतिकरण से संभव है।
प्रतियोगिता में संचालन श्री लोकेश कुमार शर्मा, वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी एवं वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक -। (मुख्यालय) ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री पी.एल.जाटवर, वरिष्ठ अनुवादक ने किया। प्रतियोगिताओं को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में राजभाषा विभाग, प्रधान कार्यालय, द.पू.म.रेलवे, बिलासपुर के कर्मचारियों ने सक्रीय सहयोग प्रदान किया।