आपको कम सुनाई देने लगे या फिर कान बिल्कुल ही बंद हो जाये तो ये बहरापन तो नहीं
बहरापन यानी सुनने की क्षमता का कम हो जाना। एक बहुत बड़ी दिक्कत हैं। कई बार अचानक से किसी दिन आपको कम सुनाई देने लगे या फिर कान बिल्कुल ही बंद हो जाएं, या फिर शोरगुल के बीच समझने में दिक्कत आए, तो यह बहरेपन का ही संकेत है।
बहरेपन के कारण
– उम्र- 60 से ज्यादा उम्र होने पर सुनने की क्षमता में कमी आने लगती है।
– शोर के सपंर्क या किसी मशीन के तेज आवाज का बार-बार सुनना भी हियरिंग लॉस का कारण है।
– हियरिंग लॉस के साथ अनुवांशिकी विकारों और पारिवारिक इतिहास होना।
– कभी-कभी कुछ दवाएं जिन्हें ऑटोटॉक्सिक कहा जाता है भी सुनने की क्षमता कम कर सकती हैं।
– कुछ बीमारियां जैसे मेनियर डिसीज , ऑटोस्केलोरोसिस या ऑटोइम्यून डिसीज की वजह से भी व्यक्ति को कम सुनाई देने लगता है।
बहरेपन के शुरुआती लक्षण
कानों का बजना: बैठे बैठे कानों में अचानक आवाजें सुनाई देना और घंटी बजने जैसा साउंड होना। इस ओर इशारा करता है कि आपके कानों में कुछ दिक्कत आ रही है। का ये अवस्था हियरिंग लॉस का सबसे पहला साइन माना जाता है। ये इस बात की ओर इशारा है कि आप अब कम सुनने लगे हैं।
एक बार में बात न सुनाई देना : नॉइज़ पॉल्यूशन और लाउड म्यूजिक की वजह से भी सुनने की क्षमता कम होती है। अगर आपको भीड़ में भी तेज आवाज धीमी लगने लगे और किसी भी ऑडियो को सुनने के लिए हमें वॉल्यूम का लेवल बढा़ना पड़ता हैं, तो समझ जाइए कि आपकी सुनने की क्षमता कम हो रही हैं।
आवाज़ पहचानने में दिक्कत: कई बार हम जब दूसरों से बात करते हैं, तो ऐसा लगता है कि वो अपने आप मन ही मन में धीमे बात कर रहे हैं। इसके चलते आवाज़ को समझने में भी दिक्कत आने लगती है।
फोन पर आवाज साफ सुनाई नहीं देना: फोन पर बात करने के दौरान अगर आप सुनने में दिक्कत आएं तो साफ समझ जाइए कि आप भी हियरिंग प्रोब्लम से होकर गुज़र रहे है।
इलाज
आमतौर पर बहरापन की समस्या का इलाज कुछ बातों पर निर्भर करता है, जैसे-
-बहरेपन का प्रकार
-बहरेपन की गंभीरता
-आपकी उम्र
बहरापन दो प्रकार का होता है। पहला कंडक्टिव और दूसरा सेंसोरीन्यूरल। कंडक्टिव हियरिंग लॉस या बहरापन को सर्जरी या दवाओं के साथ ठीक किया जा सकता है, लेकिन अन्य प्रकार के लिए ऐसा करना मुश्किल है।