पवित्र श्रावण मास आरंभ पवित्र मास में शिव पूजा का विशेष महत्व भक्त करते हैं भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं महादेव को प्रसन्न
गुरु पूर्णिमा के पश्चात भगवान शिव का विशेष पर्व श्रावण मास आरंभ होता है इस मास की पवित्रता बनी रहती है क्योंकि यह मास भगवान शिव को अत्यंत भी है शिव महापुराण लिंग पुराण ऐसे महान ग्रंथों में सावन मास का विशेष महत्व बताया गया है भगवान शिव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है इसीलिए भक्तगण श्रावण मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 1 माह तक के भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करते हैं एवं इस माह में कांवरिया कावर में जल पैदल भगवान शिव की आराधना पूजा करके मन में ओम नमः शिवाय का जाप करके उस जल को भगवान शिव के मंदिर मंदिर में जाकर के भगवान शिव को अर्पित करते हैं और भगवान शिव से मनोकामना करते हैं कि उनकी मन की मुराद पूर्ण हो और निश्चय ही भगवान शिव उनके भक्ति श्रद्धा से प्रसन्न होकर उनको मनवांछित फल प्रदान करते हैं विशेषकर भगवान शिव को श्रावण मास में धतूरा का पुष्प बिल्वपत्र दूध दही पंचामृत अन्य अन्य सामग्री से भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है श्रावण मास पवित्र मास में शनिवार को ही भगवान का प्रथम तिथि सावन का लग रहा है एवं रविवार को द्वितीय एवं सोमवार को द्वितीय एवं तृतीय एक साथ संयोग बन रहा है इसी तरह श्रद्धालु सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करेंगे इस पवित्र श्रावण मास में ग्राम ग्राम में पवित्र महापुराण श्री रामायण कवि ग्राम में एक माह तक पठन किया जाता है इसी प्रकार पवित्र श्रावण मास भक्त श्रद्धालु एक माह तक भगवान शिव की पूजा अर्चना करके मनवांछित फल प्रदान भगवान शिव से प्राप्त करते हैं।।