देवभोग समिति झिरीपानी में डीएपी खाद का अभाव, किसानों की नाराजगी जमकर हुआ हंगामा
देवभोग समिति झिरीपानी में डीएपी खाद का अभाव, किसानों की नाराजगी जमकर हुआ हंगामा गरियाबंद / देवभोग : बीते कुछ दिनों से किसानों की नाराजगी सर चढ़ कर बोल रहा है खरीफ के सीजन की शुरुआती दौर पर ही किसानों को झटका मिल रहा है सरकार किसानों को खाद बीज मुहैया कराने के लिए प्राथमिक कृषि शाखा सरकारी समिति का गठन किया है ताकि किसानों को सही समय में उनके जरूरत के खाद बीज ऋण मिल सके पर जमीनी हकीकत देखें तो प्राथमिक कृषि शाखा सरकारी समितियों में इन दिनों डीएपी खादों की कमी के चलते किसानों को काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है किसानों को डीएपी खाद के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है मिली जानकारी अनुसार ऐसा ही कुछ नज़ारे देवभोग के झिरीपानी प्राथमिक कृषि शाखा सरकारी समिति में देखने को मिल रहा है जहाँ सैकड़ो नाराज़ किसानों ने जमकर हंगामा किया बतादें ये किसान पिछले कई दिनों से प्राथमिक कृषि शाखा सरकारी समिति झिरी पानी का चक्कर लगाने में मज़बूर हो रहे हैं, डीएपी का खाद अधिकतर किसानों को अब तक नहीं मिल पाया है इस इलाके के किसानों को डीएपी के अभाव से खेती कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है देवभोग अंतर्गत आने वाले समिति झिरीपानी में कुल 11 गांव आते हैं जिसमें कुल 1150 किसान शामिल हैं सेंदमुड़ा,मोटरापारा, सागौन भाड़ी, खोकसरा,खम्हारगुड़ा, सुपेबेड़ा, ठिरलीगुड़ा, झिरीपानी, केन्दुवन,डुमरबहाल, मानकीगुड़ा के सैकड़ो किसानों को इन दिनों डीएपी के खाद के लिए भटकना पड़ रहा है वहीँ बीते दिनों देवभोग विकास खण्ड के प्राथमिक कृषि शाखा सहकारी समिति झिरीपानी में डीएपी खाद के अभाव होने से किसानों में काफी नाराजगी एवं आक्रोश देखने को मिली। किसानों का कहना है कि अभी वर्तमान में किसानों का धान बियासी होना है,बियासी के बाद किसान सबसे ज्यादा डी.ए.पी खाद का उपयोग करते है,और इस समय डीएपी खाद की जरूरत है इसके अलावा अन्य खाद समिति में मिल रहा है जिसके चलते किसान बहुत नाराज है वही किसान प्रशासन से भी नाराजगी जताई है कि पहले वर्ष में मई जून में किसानों को ऋण व खाद तथा बीज मिल जाता था लेकिन इस वर्ष जुलाई तक भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद बीज व ऋण नहीं मिल पा रहा है, किसानों का ज्यादातर मांग डी.ए.पी एवं यूरिया खाद के मांग रखे है, वही समिति के विभागीय कर्मचारियों से जानकारी के मुताबिक बताया गया कि आगे से हमें जितने भी खाद भेजा जा रहा है वैसे ही हम किसानों को खाद वितरण कर रहे हैं।