पति की मौत से बिगड़ी घर की आर्थिक स्थिति चार बच्चियों की मां के माथे पर छाई चिंता की लकीरें…
पति की मौत से बिगड़ी घर की आर्थिक स्थिति चार बच्चियों की मां के माथे पर छाई चिंता की लकीरें… एक कहावत है जब तक चाह है तब तक राह है … इसी तारतम्य के अंतर्गत मामला देवभोग ब्लॉक के ग्राम पंचायत मुंगझर के वार्ड नं.15 सोनामुंदी में निवासरत कांति बाई पांडे की है ,जो विगत दिनों अपने पति कामसिंग पांडे के आकस्मिक निधन हो जाने पर परेशानियों का पहाड़ उसके सर पर आन पड़ी। अचानक हुए उसके पति की मृत्यु ने चार बच्चियों को पालने की समस्या से घीर चुकी है ,ना कमाने वाला कोई है ना बच्चों को देख रेख करने वाला कोई है ,चार बच्चियों में …कु. कुंती 12 वर्ष,कु. टिकमनी 10 वर्ष ,कु. लिपि 8 वर्ष,कु.डिलेश्वरी 3 वर्ष, जिसमें से लिपि पैर से विकलांग है, जो खुद किसी पर आश्रित है, जब तक पिता थे उनका देखरेख उनकी मां करती थी पर अब पिता की मृत्यु ने विकलांग की देखरेख करने परेशानी आ रही है पति ही रोजी मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। रोजी मजदूरी ही एकमात्र इनके जीने का साधन था । आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि अब खाने के लाले पड़ गए हैं पंचायत स्तर पर भी सहयोग की अपेक्षा किए थे पर अब तक उनके द्वारा भी किसी भी प्रकार का कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया , केवल शासन द्वारा राशन कार्ड के माध्यम से जो कुछ मिल रहा है उसी से ही जीवन यापन करने को मजबूर हैं ,कई दफा सरपंच सचिव से भी मुलाकात कर सहयोग की अपेक्षा किए पर किसी भी प्रकार का जनप्रतिनिधियों ने सहयोग प्रदान नहीं किया। बच्चों को पालने के लिए कांति बाई दर-दर भटकने को मजबूर है कहीं आने जाने पर बच्चों को देखरेख करने वाला कोई नहीं है, जिसके कारण ना ओ कहीं जा सकती है ना कुछ कर सक रही है। रिपोर्ट…. नागेश्वर मोरे सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद देवभोग एक कहावत
रिपोर्ट….
नागेश्वर मोरे सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद देवभोग