वैश्विक युवा शांति समिति सार्क देशों के कोरोना पर युवा संवाद का हुआ आयोजन…
*वैश्विक युवा शांति समिति सार्क देशों के कोरोना पर युवा संवाद का हुआ आयोजन* गीदम/दंतेवाड़ा :- “कोविड संक्रमण से निपटने के लिए सार्क देशों के युवाओं का एकजुट” विषय पर एक दिवसीय वर्चुअल युवा संवाद कार्यक्रम वैश्विक युवा शांति समिति द्वारा आयोजित किया गया। सार्क देशों के युवा संवाद वैश्विक युवा शांति समिति के चेयरमैन ब्रज श्रीवास्तव के द्वारा अध्यक्षता किया गया और अर्चना श्रीवास्तव व आदित्य श्रीवास्तव द्वारा संचालित किया गया। कोविड 19 विश्व महामारी पर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के अंतर्गत देशों के युवाओं ने एकजुट होकर विश्व शांति, सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सेवा और मानवता पर कार्य करने की प्रेरणा दिया। इस ग्लोबल वेबीनोर में ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया द्वारा शानदार प्रस्तुतिकरण के साथ सहभागिता की गई । संस्था के अध्यक्ष विश्वनाथ पाणिग्रही ने कहा कि इस महामारी में बहुत ही सक्रियता के साथ आगे आकर सेवा एवं सहयोग एक दूसरे को करना है। युवा हमारे आशा हैं, तथा कोविड गाइड लाइन से लेकर आशंकाओं एवं अंधविश्वासों को दूर कर घर घर जागरूकता, राशन, ऑक्सिजन, वेक्सीनेसन में बेहतर कार्य में युवाओं की अहम भूमिका बताया। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी तथा अतिथि वक्ता अमुजुरि बिश्वनाथ दंतेवाड़ा से सहभागिता करते हुए बताया कि विश्व माहामारी कोरोना से बचने हेतु विज्ञान व प्रदौगिकी क्षेत्र में संसाधन की सही उपयोग से नवाचार तथा नया अनुसंधान की आवश्यकता है। शांति व सुरक्षा को नजर रखते हुए देश में युवा की जिम्मेदारी और मानसिक स्वास्थ्य तनाव से बचने की अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय बताया। बिश्वनाथ ने बताया कि इसी समय में कोरोना संक्रमण रोकथाम हेतु छत्तीसगढ़ दंतेवाडा जिला प्रशासन द्वारा किए गए अच्छे कार्यों से लोगों को बहुत ही मदत मिलराहा है। सक्रिय निगरानी दल द्वारा घर घर जाकर कोरोना जागरुकता, टीकाकरण, स्वास्थ्य देखभाल, मास्क व सैनिटाइजर का व्यवहार करने में शिक्षकों, जीएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिन की कार्यों का अहम भूमिका बताया। आश्चर्यजनक रूप से कम उम्र की आबादी में कोरोनावायरस संक्रमण की दर सार्क देशों में सबसे अधिक है, क्योंकि सार्क देशों की 80% से अधिक आबादी युवा हैं जो कामकाजी आयु वर्ग का गठन करते हैं। सार्क देशों में विश्व की आबादी का 23.75% हिस्सा है और इन लोगों का सबसे बड़ा हिस्सा युवा वर्ग है, इसलिए इन मूल्यवान जीवन को कोविड से बचाने के लिए कुछ तत्काल उपायों को लागू करने की आवश्यकता है। इस शिखर सम्मेलन में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों भारत से सुभ्रो राय, जसवीर सिंह राजपूत, स्वेता मजूमदर, विश्वनाथ पाणिग्रही, अमुजुरि बिश्वनाथ, नेपाल से आनंदा नेपाली, सुमित्रा मरगति, जेनार्जन उप्रेटी, श्रीलंका से जनित प्रभाश्वर परेरा, भांका श्रीनामा, पाकिस्तान से नबीला अब्बास, सायेद मुंताजेर इमाम, सपना चांडियो, बांग्लादेश से राबिल अलामीन ने कोरोना समय में समाज सेवा और युवा शक्ति का महत्वपूर्ण विषय पर अपना कहा कि इस महामारी में बहुत ही सक्रियता के साथ आगे आकर सेवा एवं सहयोग एक दूसरे को करना है। युवा हमारे आशा हैं, तथा कोविड गाइड लाइन से लेकर आशंकाओं एवं अंधविश्वासों को दूर कर घर घर जागरूकता, राशन, ऑक्सिजन, वेक्सीनेसन में बेहतर कार्य में युवाओं की अहम भूमिका बताया। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी तथा अतिथि वक्ता अमुजुरि बिश्वनाथ दंतेवाड़ा से सहभागिता करते हुए बताया कि विश्व माहामारी कोरोना से बचने हेतु विज्ञान व प्रदौगिकी क्षेत्र में संसाधन की सही उपयोग से नवाचार तथा नया अनुसंधान की आवश्यकता है। शांति व सुरक्षा को नजर रखते हुए देश में युवा की जिम्मेदारी और मानसिक स्वास्थ्य तनाव से बचने की अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय बताया। बिश्वनाथ ने बताया कि इसी समय में कोरोना संक्रमण रोकथाम हेतु छत्तीसगढ़ दंतेवाडा जिला प्रशासन द्वारा किए गए अच्छे कार्यों से लोगों को बहुत ही मदत मिलराहा है। सक्रिय निगरानी दल द्वारा घर घर जाकर कोरोना जागरुकता, टीकाकरण, स्वास्थ्य देखभाल, मास्क व सैनिटाइजर का व्यवहार करने में शिक्षकों, जीएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिन की कार्यों का अहम भूमिका बताया। आश्चर्यजनक रूप से कम उम्र की आबादी में कोरोनावायरस संक्रमण की दर सार्क देशों में सबसे अधिक है, क्योंकि सार्क देशों की 80% से अधिक आबादी युवा हैं जो कामकाजी आयु वर्ग का गठन करते हैं। सार्क देशों में विश्व की आबादी का 23.75% हिस्सा है और इन लोगों का सबसे बड़ा हिस्सा युवा वर्ग है, इसलिए इन मूल्यवान जीवन को कोविड से बचाने के लिए कुछ तत्काल उपायों को लागू करने की आवश्यकता है। इस शिखर सम्मेलन में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों भारत से सुभ्रो राय, जसवीर सिंह राजपूत, स्वेता मजूमदर, विश्वनाथ पाणिग्रही, अमुजुरि बिश्वनाथ, नेपाल से आनंदा नेपाली, सुमित्रा मरगति, जेनार्जन उप्रेटी, श्रीलंका से जनित प्रभाश्वर परेरा, भांका श्रीनामा, पाकिस्तान से नबीला अब्बास, सायेद मुंताजेर इमाम, सपना चांडियो, बांग्लादेश से राबिल अलामीन ने कोरोना समय में समाज सेवा और युवा शक्ति का महत्वपूर्ण विषय पर अपना विचार व्यक्त किया।