विश्व पृथ्वी दिवस अवसर पर “रिस्टोर अवर अर्थ” वेबिनार में नवाचारी आर 4 टेक्नोलॉजी को मिला समर्थ
दंतेवाडा:-पृथ्वी दिवस 2021 अवसर पर विश्व पर्यावरण परिषद एवं स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्थाओं द्वारा “रिस्टोर अवर अर्थ” पर वेबिनोर आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण विशेषज्ञों, शिक्षकों तथा समाज सेवकों की सहभागिता में विश्व स्तर मंच पर विश्व पृथ्वी दिवस पर चर्चा किया गया। अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल भारत सहयोग से विश्व पर्यावरण परिषद् के अध्यक्ष प्रो गणेशा चन्ना के द्वारा आयोजीत वेबिनार “धरती को सुरक्षित करने में नागरिक की भूमिका” विषय पर मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ विजय कुमार शाह ने व्यक्त किया की हमारी धरती मां को प्रदूषण से मुक्त और पर्यावरण संरक्षण दिशा में हर नगरिक का कर्तव्य है। युनाइटेड रिलीजियन इनिशिएटिव सहयोग से स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्था के चेयरमैन दीपक कुमार द्वारा आयोजित वेबीनार “विश्व पृथ्वी शांति अवार्ड” पर मुख्य अतिथि रेव विलियम ई स्विंग्स संस्थापक यूनाइटेड रिलिजस इनिशिएटिव- कैलिफोर्निया अमेरिका और डॉ एफ़िनिटा चैचना, मुख्य संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा परिषद-दक्षिण पूर्व एशिया वैश्विक कमांडर ने पर्यवरण संरक्षण तथा पृथ्वी को आने वाली पीढ़ी केलिए प्रदुषण मुक्त करने पर अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया बागबाहरा अध्यक्ष विश्वनाथ पाणीग्राही ने इस विश्व स्तरीय मंच को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थ डे संस्था के डिजिटल प्रॉजेक्ट मैनेजर हालसे पायने से अधिकार रुप से भारत में विभीन्न कार्यक्रमों करने हेतु मेल द्वारा कन्फर्मेशन लेटर प्राप्त हुआ। इसके साथ कहा की हमारी अपनी नादानी के कारण हमारी धरती माता संकट में है । वृक्षों के कटने, वनों के घटने, औद्योगिक क्रांति एवम् प्रकृति प्रतिकूल आचरण के कारण विश्व तापमान बढ़ रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के अवैज्ञानिक दोहन से जल-जंगल-जमीन-जंतु पृथ्वी पर सब संकट में हैं । इस संकट से बचने के लिए हमें प्रकृति अनुकूल कार्य करते हुए हमारी पृथ्वी माता को बचाने ईमानदार प्रयास करने होंगे।ग्रीन केयर सोसाइटी के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा दंतेवाड़ा के शिक्षक अमुजुरि बिश्वनाथ ने नवाचारी आर 4 टेक्नोलॉजी (रिड्यूस, रियूज, रीसाइकल व रिपीट) का मोनो जारी करते हुए इस पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि आज हमें रिड्यूस, रियुस, रिसाइकिल से एक कदम और आगे “रिपीट” को भी अपनाना पड़ेगा । रिपीट के बारे में विस्तृत एवं सारगर्भित प्रस्तुतिकरण दिया, जिसका वेबीनोर में सम्मिलित सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एक्टिविस्ट एवं एक्सपर्ट्स ने एक मतेन स्वागत करते हुए इसे अपने अपने देशों में अपनाने के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित किया । इस कार्यक्रम में ग्रीन इंजीनियर संस्था अध्यक्ष डॉ एल रमेश, मारिया क्रेस्पो, डॉ चिंतामणि योगी नेपाल, डॉ श्रीकान्त कुलश्रेष्ठ आगरा, दामोदर मैन झारखंड एमडी ऐनुल अंसारी, डॉ चमन सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश, नरेंद्र बोगम तेलंगाना, डॉ श्रीकान्त मेरगु महाराष्ट्र, सीमा नेगी, डॉ शैली मुखर्जी पश्चिम बंगाल, शरह ओलिवर समेत नेपाल, अर्जेंटीना, अमेरिका, थाईलैंड से विशेषज्ञो, पर्यावरणविदों तथा शिक्षकों ने अपना विचार व्यक्त किया।विश्व पृथ्वी दिवस अवसर पर “रिस्टोर अवर अर्थ” वेबिनार में नवाचारी आर 4 टेक्नोलॉजी को मिला समर्थन दंतेवाडा:- पृथ्वी दिवस 2021 अवसर पर विश्व पर्यावरण परिषद एवं स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्थाओं द्वारा “रिस्टोर अवर अर्थ” पर वेबिनोर आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण विशेषज्ञों, शिक्षकों तथा समाज सेवकों की सहभागिता में विश्व स्तर मंच पर विश्व पृथ्वी दिवस पर चर्चा किया गया। अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल भारत सहयोग सेदंतेवाडा:-पृथ्वी दिवस 2021 अवसर पर विश्व पर्यावरण परिषद एवं स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्थाओं द्वारा “रिस्टोर अवर अर्थ” पर वेबिनोर आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण विशेषज्ञों, शिक्षकों तथा समाज सेवकों की सहभागिता में विश्व स्तर मंच पर विश्व पृथ्वी दिवस पर चर्चा किया गया। अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल भारत सहयोग से विश्व पर्यावरण परिषद् के अध्यक्ष प्रो गणेशा चन्ना के द्वारा आयोजीत वेबिनार “धरती को सुरक्षित करने में नागरिक की भूमिका” विषय पर मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ विजय कुमार शाह ने व्यक्त किया की हमारी धरती मां को प्रदूषण से मुक्त और पर्यावरण संरक्षण दिशा में हर नगरिक का कर्तव्य है। युनाइटेड रिलीजियन इनिशिएटिव सहयोग से स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्था के चेयरमैन दीपक कुमार द्वारा आयोजित वेबीनार “विश्व पृथ्वी शांति अवार्ड” पर मुख्य अतिथि रेव विलियम ई स्विंग्स संस्थापक यूनाइटेड रिलिजस इनिशिएटिव- कैलिफोर्निया अमेरिका और डॉ एफ़िनिटा चैचना, मुख्य संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा परिषद-दक्षिण पूर्व एशिया वैश्विक कमांडर ने पर्यवरण संरक्षण तथा पृथ्वी को आने वाली पीढ़ी केलिए प्रदुषण मुक्त करने पर अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया बागबाहरा अध्यक्ष विश्वनाथ पाणीग्राही ने इस विश्व स्तरीय मंच को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थ डे संस्था के डिजिटल प्रॉजेक्ट मैनेजर हालसे पायने से अधिकार रुप से भारत में विभीन्न कार्यक्रमों करने हेतु मेल द्वारा कन्फर्मेशन लेटर प्राप्त हुआ। इसके साथ कहा की हमारी अपनी नादानी के कारण हमारी धरती माता संकट में है । वृक्षों के कटने, वनों के घटने, औद्योगिक क्रांति एवम् प्रकृति प्रतिकूल आचरण के कारण विश्व तापमान बढ़ रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के अवैज्ञानिक दोहन से जल-जंगल-जमीन-जंतु पृथ्वी पर सब संकट में हैं । इस संकट से बचने के लिए हमें प्रकृति अनुकूल कार्य करते हुए हमारी पृथ्वी माता को बचाने ईमानदार प्रयास करने होंगे।ग्रीन केयर सोसाइटी के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा दंतेवाड़ा के शिक्षक अमुजुरि बिश्वनाथ ने नवाचारी आर 4 टेक्नोलॉजी (रिड्यूस, रियूज, रीसाइकल व रिपीट) का मोनो जारी करते हुए इस पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि आज हमें रिड्यूस, रियुस, रिसाइकिल से एक कदम और आगे “रिपीट” को भी अपनाना पड़ेगा । रिपीट के बारे में विस्तृत एवं सारगर्भित प्रस्तुतिकरण दिया, जिसका वेबीनोर में सम्मिलित सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एक्टिविस्ट एवं एक्सपर्ट्स ने एक मतेन स्वागत करते हुए इसे अपने अपने देशों में अपनाने के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित किया । इस कार्यक्रम में ग्रीन इंजीनियर संस्था अध्यक्ष डॉ एल रमेश, मारिया क्रेस्पो, डॉ चिंतामणि योगी नेपाल, डॉ श्रीकान्त कुलश्रेष्ठ आगरा, दामोदर मैन झारखंड एमडी ऐनुल अंसारी, डॉ चमन सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश, नरेंद्र बोगम तेलंगाना, डॉ श्रीकान्त मेरगु महाराष्ट्र, सीमा नेगी, डॉ शैली मुखर्जी पश्चिम बंगाल, शरह ओलिवर समेत नेपाल, अर्जेंटीना, अमेरिका, थाईलैंड से विशेषज्ञो, पर्यावरणविदों तथा शिक्षकों ने अपना विचार व्यक्त किया।*विश्व पृथ्वी दिवस अवसर पर “रिस्टोर अवर अर्थ” वेबिनार में नवाचारी आर 4 टेक्नोलॉजी को मिला समर्थन* दंतेवाडा:- पृथ्वी दिवस 2021 अवसर पर विश्व पर्यावरण परिषद एवं स्माइल फॉर मिलियनस ट्रस्ट संस्थाओं द्वारा “रिस्टोर अवर अर्थ” पर वेबिनोर आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण विशेषज्ञों, शिक्षकों तथा समाज सेवकों की सहभागिता में विश्व स्तर मंच पर विश्व पृथ्वी दिवस पर चर्चा किया गया। अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान जर्नल भारत सहयोग से