कोरोनाकाल में स्वयंसेवकों से समाज की अनेकों अपेक्षायें हैं डॉ. एल. एस. गजपाल

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कोरोनाकाल में स्वयंसेवकों से समाज की अनेकों अपेक्षायें हैं डॉ. एल. एस. गजपाल बालोद–पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर अध्ययनशाला इकाई के राष्ट्रीय सेवा योजना परिवार के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एल. एस. गजपाल सर जी के मार्गदर्शन में जब शारीरिक रूप से अध्ययनशाला उपस्थित होकर की जाने वाली नियमित गतिविधियां बन्द हैं तो इस स्थिति में ऑनलाइन व्यवस्था का उपयोग कर गूगल मीट के माध्यम से सभी स्वयंसेवकों का कोरोना काल उनके द्वारा विभिन्न स्तर पर किये जाने वाले कार्यों का अनुभव व आगामी योजनाओं व स्वयंसेवकों की क्या भूमिका होनी चाहिए इस विषय पर विस्तार से चर्चा किया गया । ऑनलाइन परिचर्चा में सभी स्वयंसेवकों ने अपने अपने अनुभव व कार्य सांझा किये जिसमें कोरोना टीकाकरण के विशाल कार्यक्रम में लोगों को जागरूक करना व कोरोना टीकाकरण केंद्र में अपनी सेवा प्रदान करने का कार्य वरिष्ठ स्वयंसेवक प्रतीक साहेब गुप्ता , दीपक साहू , सुमित पटेल ,फलेंद्र साहू , पूजा परगनिहा , जयप्रकाश , हरेंद्र, ज्योति ,आकाश कुमार कविता आदि द्वारा किया जा रहा हैं । लॉकडाउन की स्थिति में ऑनलाइन ऐसे बच्चे जो बोल सुन नही सकते उन्हें आत्मरक्षा के तरीके सीखना , उनका मनोरंजन करने तथा उनका मनोबल बढ़ाने का कार्य अविनाश के द्वारा किया जा रहा है । पेड़ पौधों के प्रति चिंता व आसपास के पौधों पर पानी डालना व पक्षियों के लिए घर में ही दाना पानी की व्यवस्था करना व बाकी को भी इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य अभिषेक वर्मा , अमर दास , विकास , प्रशांत , टाकेश्वर साहू , अविरल आदि के द्वारा किया जा रहा हैं । अपने गांव में अपने मित्रों के द्वारा सेनेटाइजर गेट बना कर उसका विशेष स्थानों पर प्रयोग व ग्रामीणों को निःशुल्क मास्क बाटने का कार्य आदित्य द्वारा ग्राम कोडिया में किया जा रहा हैं । तथा छोटे बच्चों को घर मे पढ़ाने व नए नए रचनात्मक कार्य सीखने का कार्य सरिता सिदार द्वारा किया जा रहा हैं । इसी प्रकार अपने घर से जागरूकता हो या कोरोना योद्धाओं के साथ मिल कर इस संकट की स्थिति में अपनी भूमिका निभा रहे । कुछ स्वयंसेवक केवल अपने घर मे ही रह कर ईमानदारी से प्रशासन के नियमों का पालन अपने घर वालो के साथ स्वयं कर तो रहे उसके साथ साथ अपने आस पास नियम तोड़ने वालों को भी टोकने का कार्य कर रहे हैं । इस ऑनलाइन कार्यक्रम में डॉ. गजपाल ने स्पष्ट रूप से कहां की यदि हमें कोरोनाकाल में कार्य करने का अवसर मिल रहा हैं तो जरूर करें पर पूरी सावधानी से व सरकार के नियम व शर्तों के अनुसार कार्य करे अन्यथा अपने घर पर ही रह कर आप फोन व ऑनलाइन माध्यम से बहुत कुछ कर सकतें हैं । आप विचार से सकारात्मक रहिए व लोगो का मनोबल बढ़ाइये । निश्चित रूप से विश्व भर में व्याप्त कोरोना की समस्या से हम निजात पाएंगे तब हम अपने कार्य व योगदान के प्रति अनेकों वर्षों तक गर्व की अनुभूति कर सकेंगे व भविष्य में जरूर दिल से कहेंगे “हाँ” यह चुनौती जरूर थी पर हमारे लिए कुछ कर गुजरने का अवसर भी था । इस कार्यक्रम में अध्ययनशाला इकाई के पैतीस स्वयंसेवक शामिल हुए । जिसमें सभी ने अपनी – अपनी गतिविधियों को ऑनलाइन माध्यम से साझा किया जिसमें प्रतिभा सिन्हा , श्रद्धा , विना , कामिनी सिदार, नेहा तिर्की, सुचिता सिंह , मन्दाकिनी , अखिलेश , ज्योति , माला पटेल, परमिंदर, शशिकला, टेमन, यामिनी, योगेश्वर आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे।इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ स्वयंसेवक प्रतीक साहेब गुप्ता ने किया। बालोद गुरूर से ऋषभ पाण्डेय के साथ के.नागे की रिपोर्टबालोद–पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर अध्ययनशाला इकाई के राष्ट्रीय सेवा योजना परिवार के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एल. एस. गजपाल सर जी के मार्गदर्शन में जब शारीरिक रूप से अध्ययनशाला उपस्थित होकर की जाने वाली नियमित गतिविधियां बन्द हैं तो इस स्थिति में ऑनलाइन व्यवस्था का उपयोग कर गूगल मीट के माध्यम से सभी स्वयंसेवकों का कोरोना काल उनके द्वारा विभिन्न स्तर पर किये जाने वाले कार्यों का अनुभव व आगामी योजनाओं व स्वयंसेवकों की क्या भूमिका होनी चाहिए इस विषय पर विस्तार से चर्चा किया गया ।
ऑनलाइन परिचर्चा में सभी स्वयंसेवकों ने अपने अपने अनुभव व कार्य सांझा किये जिसमें कोरोना टीकाकरण के विशाल कार्यक्रम में लोगों को जागरूक करना व कोरोना टीकाकरण केंद्र में अपनी सेवा प्रदान करने का कार्य वरिष्ठ स्वयंसेवक प्रतीक साहेब गुप्ता , दीपक साहू , सुमित पटेल ,फलेंद्र साहू , पूजा परगनिहा , जयप्रकाश , हरेंद्र, ज्योति ,आकाश कुमार
कविता आदि द्वारा किया जा रहा हैं ।
लॉकडाउन की स्थिति में ऑनलाइन ऐसे बच्चे जो बोल सुन नही सकते उन्हें आत्मरक्षा के तरीके सीखना , उनका मनोरंजन करने तथा उनका मनोबल बढ़ाने का कार्य अविनाश के द्वारा किया जा रहा है ।
पेड़ पौधों के प्रति चिंता व आसपास के पौधों पर पानी डालना व पक्षियों के लिए घर में ही दाना पानी की व्यवस्था करना व बाकी को भी इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य अभिषेक वर्मा , अमर दास , विकास , प्रशांत , टाकेश्वर साहू , अविरल आदि के द्वारा किया जा रहा हैं ।
अपने गांव में अपने मित्रों के द्वारा सेनेटाइजर गेट बना कर उसका विशेष स्थानों पर प्रयोग व ग्रामीणों को निःशुल्क मास्क बाटने का कार्य आदित्य द्वारा ग्राम कोडिया में किया जा रहा हैं ।
तथा छोटे बच्चों को घर मे पढ़ाने व नए नए रचनात्मक कार्य सीखने का कार्य सरिता सिदार द्वारा किया जा रहा हैं ।
इसी प्रकार अपने घर से जागरूकता हो या कोरोना योद्धाओं के साथ मिल कर इस संकट की स्थिति में अपनी भूमिका निभा रहे । कुछ स्वयंसेवक केवल अपने घर मे ही रह कर ईमानदारी से प्रशासन के नियमों का पालन अपने घर वालो के साथ स्वयं कर तो रहे उसके साथ साथ अपने आस पास नियम तोड़ने वालों को भी टोकने का कार्य कर रहे हैं ।
इस ऑनलाइन कार्यक्रम में डॉ. गजपाल ने स्पष्ट रूप से कहां की यदि हमें कोरोनाकाल में कार्य करने का अवसर मिल रहा हैं तो जरूर करें पर पूरी सावधानी से व सरकार के नियम व शर्तों के अनुसार कार्य करे अन्यथा अपने घर पर ही रह कर आप फोन व ऑनलाइन माध्यम से बहुत कुछ कर सकतें हैं । आप विचार से सकारात्मक रहिए व लोगो का मनोबल बढ़ाइये । निश्चित रूप से विश्व भर में व्याप्त कोरोना की समस्या से हम निजात पाएंगे तब हम अपने कार्य व योगदान के प्रति अनेकों वर्षों तक गर्व की अनुभूति कर सकेंगे व भविष्य में जरूर दिल से कहेंगे “हाँ” यह चुनौती जरूर थी पर हमारे लिए कुछ कर गुजरने का अवसर भी था ।
इस कार्यक्रम में अध्ययनशाला इकाई के पैतीस स्वयंसेवक शामिल हुए । जिसमें सभी ने अपनी – अपनी गतिविधियों को ऑनलाइन माध्यम से साझा किया जिसमें प्रतिभा सिन्हा , श्रद्धा , विना , कामिनी सिदार, नेहा तिर्की, सुचिता सिंह , मन्दाकिनी , अखिलेश , ज्योति , माला पटेल, परमिंदर, शशिकला, टेमन, यामिनी, योगेश्वर आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे।इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ स्वयंसेवक प्रतीक साहेब गुप्ता ने किया।
बालोद गुरूर से ऋषभ पाण्डेय के साथ के.नागे की रिपोर्ट

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