करोड़ो लाखो के बेनाम संपतियों के बादशाह , झोला छाप डॉक्टरों का लूटखसोट चरम पर ,
पत्ररका उरेन्द्र साहू गरियाबंद / पाण्डुका | शासन और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते अंचल में झोलाछाप डॉक्टर चांदी काट रहे हैं ।गंभीर से गंभीर बीमारी के इलाज करने का दावा करने वाले झोलाछाप डॉक्टर अधिक पैसे की लोभ में मरीजों को मौत के मुंह में धकेलने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। फर्जी डॉक्टर और नर्सिंग होम की कारगुजारी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने दिशा निर्देश जारी किया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से उनके धंधे पर रोक नहीं लगा पा रही हैं ।जिसके कारण झोलाछाप डॉक्टर अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।
वही पांडुका क्षेत्र में पांडुका, पोंड,पचपेड़ी गाड़ाघाट सहित दो दर्जन से अधिक गांव में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा शासन व हाईकोर्ट के सारे नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए बेधड़क इलाज किया जा रहा है। इन डॉक्टरों द्वारा अपने पैथ से बाहर इलाज कर मरीजों से मनमानी फीस वसूली की जा रही है। वहीं प्रतिबंधित दवाइयों भी मरीजों को उनके द्वारा दिया जा रहा है और यह सब हो रहा है जिला प्रशासन के नाक के नीचे, आखिर कुल मिलाकर कहा जाए तो विभाग की सह पर ही झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा खूब फल-फूल रहा है।
गौरतलब है कि शासन और उच्च विभाग द्वारा बहुत से दवाइयों को प्रतिबंधित किया गया है लेकिन इन डॉक्टरों द्वारा इन प्रतिबंधित दवाइयों को छुपा कर अपने घरों में रखा जा रहा है और झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा एमबीबीएस की तर्ज पर सारी बीमारी का इलाज किया जा रहा है इस मामले को लेकर हमारे संवाददाता ने पांडुका अंचल के विभिन्न गांव के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक में पड़ताल किया जिससे इस बात का खुलासा हुआ।
पड़ताल से पता चला कि इन डॉक्टरों द्वारा शासन के सारे नियमों को दरकिनार कर अवैध रूप क्लीनिक चलाया जा रहा है ।खास बात तो यह भी है कि कई इन डॉक्टरों के पास किसी भी प्रकार से वैध दस्तावेज भी नहीं है । उसके बावजूद भी बेधड़क इन डाक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है और आम नागरिकों के जेब में डाका डाला जा रहा है जिसके कारण इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास चमचमाती गाड़िया व बंगले देखने को मिलता है
तो वहीं क्षेत्र के कई निजी हास्पिटल नर्सिंग होम एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए संचालित हो रहा है