गरियाबंद पहुंची संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने गिनाई सरकार के दो साल की उपलब्धियां, कही ये बड़ी बात- इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़
इतेश सोनी
गरियाबंद मैनपुर। संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने आज गरियाबंद पहुंचकर छत्तीसगढ़ सरकार के दो वर्ष की उपलब्धियां बतायी। सरकार के दो साल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य का चहुमुखी विकास हुआ है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार द्वारा विकास का यह सिलसिला आगे भी निरंतर जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रट सभा कक्ष में प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। संसदीय सचिव सुश्री साहू ने सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि, प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हम गढबो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ काम कर रहे है। प्रदेश की जनता से किए वायदे पर हमारी सरकार ने पहले ही दिन से ही अमल शुरू किया। शपथ ग्रहण के तत्काल बाद ही किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए में धान खरीदी के निर्णय लिए। राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षा में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वन आश्रितों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं सहित प्रदेश के सभी वर्गो के विकास के लिए कदम उठाए है।
उन्होंने कहा है कि गांव से लेकर शहर तक राज्य की खुशहाली, आर्थिक समृद्धि, तरक्की के लिए इन दो वर्षों में हमने 24 बड़े-बड़े वायदे पूरे किए है। आने वाले पांच वर्षों में सभी वायदे पूरे किए जाएंगे। इस अवसर पर कलेक्टर नीलेशकुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ चन्द्रकांत वर्मा, भावसिंह साहू, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लक्ष्मी साहू, श्रीमती धनेश्वरी मरकाम एवं मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद रहे। प्रेसवार्ता में सुश्री साहू ने कहा कि इन दो वर्षों में गरियाबंद जिले के विकास और युवाओं को रोजगार के अवसर देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने धान से बायो एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। नवीन औद्यौगिक नीति के तहत उच्च प्राथमिकता सूची में जैव ईधन शामिल है। संसदीय सचिव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रदेश के 18 लाख किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया। जल कर के रूप में 17 लाख किसानों का 244 करोड़ रुपए बकाया माफ किया गया। बस्तर जिले में किसानों की 1764.61 हेक्टेयर अधिग्रहित भूमि वापस की गयी। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गयी। 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता चार किश्तों में में देंने का निर्णय लिया गया। तीन किश्तों में 4500 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। अंतिम किश्त आगामी मार्च महीने में दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने देश में अपने तरह की पहली अनूठी योजना-गोधन न्याय योजना शुरू की। जिसके तहत 2 रुपए किलो की दर से गोठानों में गोबर की खरीदी की जा रही। इस योजना के माध्यम से जैविक खेती, पशुओं की देखभाल के साथ फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। साथ ही किसानों की अतिरिक्त आय का जरिया भी साबित हुई है। गोधन न्याय योजना के तहत अब एक करोड़ 36 लाख गोबर विक्रेताओं को 59 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य सरकार ने गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर को 8 रूपए से बढ़ाकर 10 रूपए कर दिया है।
प्रदेश के सभी छोटे-बड़े नालों को पुनर्जीवित करने एवं जल संरक्षण तथा भू-जल संवर्धन के लिए सभी जिलों में नरवा विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1028 नालों का चयन कर संवर्धन की योजना बनाई गई है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ के कृषि सहित सभी क्षेत्रों में आर्थिक तेजी रही। रिजर्व बैंक सहित अनेक राष्ट्रीय एजेंसियों ने इसे सराहा है। लाख की खेती के लिए किसानों को अब सहकारी समितियों से अन्य फसलों की तरह अल्पकालीन ऋण सुविधा दी गई है। कृषि पंप ऊर्जीकरण के लिए विद्युत लाइनों के विस्तार हेतु प्रति पंप एक लाख रुपए का अनुदान दिया गया। दो वर्षों में 57 हजार से अधिक पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है।
3 हार्स पावर तक कृषि पंपों में 6000 यूनिट प्रतिवर्ष एवं 03 से 05 हार्स पावर के कृषि पंपों में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी जा रही है। इसके अलावा फ्लेट रेट में बिजली प्राप्त करने का भी विकल्प दिया गया है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं है उन्हें पूरी बिजली निःशुल्क प्रदान की जा रही है। विद्युत पहुंच विहीन क्षेत्रों में दो वर्षों में 25000 से अधिक सोलर पंपों की स्थापना की गई है।
विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि 2 गुना से बढ़ाकर अब 4 गुना कर दिया गया है। 57 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना की गई है। 29 पशु औषधालयों, कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किया गया है। इंद्रावती नदी पर 22 हजार 653 करोड़ रुपए की बोधघाट बहुदेशीय परियोजना का काम आगे बढ़ा है। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में 03 लाख 66 हजार हेक्टेयर में नयी सिंचाई क्षमता निर्मित की जा रही है। गांवों के लिए मनरेगा से इस वर्ष अब तक करीब 27 लाख परिवारों के करीब 51 लाख श्रमिकों को काम मिला है। साढ़े दस करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन कर 2305 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। प्रदेश में इस साल 1.28 लाख परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया है। वन अधिकार पट्टाधारी 21 हजार से अधिक परिवारों को भी 100 दिनों से अधिक का रोजगार दिया गया है। मनरेगा अभिसरण से धान उपार्जन केंद्रों में 6692 पक्के चबूतरों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा प्रभारी मंत्री सुश्री साहू ने विभागवार दो वर्ष पूरा होने पर राज्य सरकार की उलब्धियां बताई। उन्होंने पत्रकारों के लिए वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि के राशि पांच हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर दस हजार रूपये प्रतिमाह करने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पात्रता के लिए आयुसीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की गई है। अधिमान्यता संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पहली बार विकासखण्ड स्तर के पत्रकारों के लिए अधिमान्यता का प्रावधान किया गया है।