भूकंप और सुनामी की चेतावनी – 10 दिसंबर से 30 जनवरी तक हिमालय के तटीय क्षेत्र, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, म.प्र., मध्य एशिया, इंडोनेशिया में भूकंप व सुनामी आ सकते है | सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे पहले और सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे बाद तक ही ख़तरा रहेगा – तीव कुमार सोनी (पत्रकार एवं रिसर्चर)

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भूकंप और सुनामी की चेतावनी – 10 दिसंबर से 30 जनवरी तक हिमालय के तटीय क्षेत्र, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, म.प्र., मध्य एशिया, इंडोनेशिया में भूकंप व सुनामी आ सकते है | सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे पहले और सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे बाद तक ही ख़तरा रहेगा –  तीव कुमार सोनी (पत्रकार एवं रिसर्चर)

मैं बड़े बड़े वैज्ञानिक अविष्कार कर सकता हु | परन्तु मेरे पास कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है | भगवान ने जो ज्ञान मुझे दिया है उसी ज्ञान के आधार पर मैं बहुत से रिसर्च करता हु | आने वाले दिनों में मैं वाईरस , महामारी , पृथ्वी और ब्रम्गांड  के सम्बन्ध में कई बड़े वैज्ञानिक आविष्कार करूंगा |

अभी मैंने भूकंप और सुनामी पर रिसर्च किया है जिसका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है –

उज्जैन पृथ्वी का केंद्र है जो कर्क रेखा में स्थित है | यही से पृथ्वी ब्रम्हांड से ऊर्जा प्राप्त करती है जिससे पृथ्वी की सभी चीजे नियंत्रित होती है | उज्जैन से 3000 किमी का क्षेत्र भारतीय उप महाद्वीप है | जब भारतीय उप महाद्वीप में दिन हो और सूर्यग्रहण होता हो तब भूकंप और सुनामी आने का खतरा रहता है |

इसकी दो स्थितिया है –  

(01) – जब सूर्य विषुवत रेखा पर स्थित हो और सूर्यग्रहण हो तब भूकंप और सुनामी आते तो है पर जादा घातक नहीं होते है |  

(02) – जब सूर्य कर्क रेखा और मकर रेखा पर स्थित हो और सूर्यग्रहण हो तो यह स्थिति भयंकर घातक होती है इसमें भयंकर भूकंप और सुनामी आने का खतरा रहता है |

अभी 14 दिसंबर को सूर्यग्रहण है जो मकर रेखा में स्थित है और  भारतीय उप महाद्वीप में दिन है | इस स्थिति से पृथ्वी पर घातक प्रभाव पड़ता है | इससे पृथ्वी की नियंत्रक शक्तिया कमजोर हो जाती है और पृथ्वी अनियंत्रित हो जाती है जिस कारण से पृथ्वी पर भूकंप , सुनामी , तूफ़ान आते है

मेरे आकलन अनुसार 10 दिसंबर से 30 जनवरी तक हिमालय के तटीय क्षेत्र, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, म.प्र., मध्य एशिया, इंडोनेशिया में भूकंप व सुनामी आ सकते है | सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे पहले और सूर्योदय या सूर्यग्रहण से 3 घंटे बाद तक ही ख़तरा रहेगा | भूकंप की तीव्रता 5 से 8 हो सकती है |

इसका विस्तृत विवरण मैं अभी लिख रहा हु जल्द ही भारत सरकार को प्रस्तुत करूंगा |

पृथ्वी के बाकी क्षेत्रो का मैंने रिसर्च नहीं किया है क्योकि मेरे पास साधन उपलब्ध नहीं है | मेरे पास साधन उपलब्ध होते तो मैं 2 माह पहले से बता सकता हु की कहा पर भूकंप व् सुनामी  आयेंगे और कितने समय आयेंगे और भूकंप की तीव्रता कितनी होगी

इसका विस्तृत विवरण मैं अभी लिख रहा हु जल्द ही भारत सरकार को प्रस्तुत करूंगा

ये निचे विअरण चार्ट को देखेंगे तब आपको समझ में आ जाएगा की जब कर्क – मकर रेखा में सूर्य स्थित हो और सूर्यग्रहण होता हो और भारतीय उप महाद्वीप में दिन हो तब कैसे भूकंप , सुनामी , वाईरस , महामारी उत्त्पन्न होते है |

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