इसरो के इंडिया स्पेस वेबिनार में विशेषज्ञों के साथ बिश्वनाथ ने किया चर्चा..

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*इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के संभावित ताला खोलने पर वेबिनार का आयोजन किया।
*भारत के अंतरिक्ष, उद्योग, शिक्षा संस्थानों के सहयोग पर हुआ चर्चा।


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से “अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के संभावित ताला खोलने” पर वेबिनार का आयोजन किया है। इस वेबिनार को चार सत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। आरंभिक सत्र के साथ साथ विषयगत के रूप में लॉन्च वाहन और उपग्रहों के सत्र, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग सत्र और शैक्षणिक व संस्थान सत्र पर चर्चा किया गया। प्रख्यात वक्ताओं, पैनलिस्टों, उद्योगपतियों, अधिकारियों, विभिन्न संगठनों और संस्थानों के शिक्षाविदों ने स्कोप ऑफ इन-एसपीएसीई, संस्थागत तंत्र, उद्योग को बढ़ावा देने, आवेदन प्रक्रियाओं और अवसरों, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) की भूमिका पर विस्तार रूप से केंद्रित किया गया

।इस कार्यक्रम के पहला सत्र में इसरो के चेयरमैन डॉ के शिवन, भारत सरकार के एसपीए प्रो के विजय राघवन, बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के एमडी महिमा दतला, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील बी मित्तल, आईआईटी मद्रास के पूर्व निदेशक प्रो एमएस अनंत ने अपना बहुमूल्य विचार विषय रूपी संबोधन दिया। भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के आजीवन सदस्य तथा आस्था विद्या मंदिर, दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के शिक्षाविद् अमुजूरी बिश्वनाथ ने इस वेबिनार में शामिल हुए और इसरो मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक के साथ चर्चा की। उन्हें ईमेल के माध्यम से इसरो के मुख्यालय बेंगलुरु से आधिकारिक पुष्टि पत्र मिला और उन्होंने प्रश्नोत्तर सत्र में अपना बात रखा। बिश्वनाथ ने पैनलिस्टों से तीन सवाल पूछे 1) इसरो द्वारा भविष्य के मिशन और योजनाओं को विश्व स्तर के मंच पर किस प्रकार पेश किया जाना है? 2) भारत में जमीनी स्तर पर शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शिक्षा पर अध्ययन और अनुसंधान के लिए अवसर और मंच क्या हैं? 3) कैरियर और आर्थिक विकास के लिए इसरो के साथ काम करने के अवसर कैसे मिलसक्ता सकता है? इस वेबिनार में देश भर के प्रतिष्ठित वक्ताओं, विशेषज्ञों, उद्यमियों, शिक्षाविदों ने शामिल हुए थे। अमुजूरी बिश्वनाथ ने कहा कि अब इसरो उद्योग, शिक्षा, संस्थानों और संगठनों के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजना गतिविधियों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी से सभी को अद्भुत अवसर और मंच प्रदान करेगा। शिक्षा से जुड़ी लोगों और आम जनता के सर्वांगीण विकास के लिए प्रख्यात वैज्ञानिकों, व्यक्तित्वों, वक्ताओं, शिक्षाविदों और संगठनों के साथ मिलकर शिक्षा, उज्ज्वल भविष्य, रोजगार और राष्ट्र निर्माण के पहलुओं को प्रदान करेंगे।

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