राष्ट्रीय

इस साल कई ऐसे हादसे हुए हैं, जिनका असर न केवल प्रभावित क्षेत्रों पर पड़ा, बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया

नई दिल्ली साल 2024 कई मायनों में खास रहा है तो कई मायनों में भुला देने लायक भी रहा है।...

नरसिंहपुर CMHO को लोकायुक्त पुलिस ने पांच हजार की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, सैलरी और छुट्टियों के लिए मांगे थे पैसे

नरसिंहपुर जिले में लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ए पी सिंह...

बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी-मानव द्वंद प्रबंधन पर हुई कार्यशाला

भोपाल उमरिया जिले के बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत ईको-सेंटर, ताला में हाथी-मानव द्वंद प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला...

वैष्णो देवी यात्रा के पहले पड़ाव कटरा में आज सन्नाटा पसरा रहा, दुकानदारों ने 72 घंटे का बंद का आह्वान किया

जम्मू  वैष्णो देवी यात्रा के पहले पड़ाव कटरा में गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा, क्योंकि रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध कर...

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से हरिद्वार के आचार्य ने की भेंट

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से हरिद्वार से आए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद जी गिरि महाराज ने गुरूवार को मुख्यमंत्री...

मुख्यमंत्री डॉ. यादव साहिबजादों की शहादत गाथा कार्यक्रम में हुए शामिल, कीर्तन जत्थे द्वारा प्रस्तुत की गई साहिबजादों की शहादत गाथा

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत की सनातन परम्परा की रक्षा के लिए गुरू गोविंद सिंह ने अपने...

देश में 1100 करोड़ कमाने वाली बनी पहली फिल्म पुष्पा 2 द रूल

मुंबई दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल’ भारत में 1100 करोड़ की कमाई...

रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और जीवन स्तर में सुधार, हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हर गरीब को रोजगार देने के साथ उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और...

स्वामित्व योजना में 46 जिलों के हितग्राहियों को मिलेंगे भू-स्वामित्व अभिलेख: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार...

विजय हजारे ट्रॉफी: शाहरुख खान के नाबाद शतक से यूपी को 114 रन से हराया, बेकार गया रिंकू सिंह का अर्धशतक

नई दिल्ली विजय हजारे ट्रॉफी के तीसरे चरण के मुकाबले में यूपी और तमिलनाडु के बीच मुकाबला खेला गया। इस...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।