राष्ट्रीय

दिल्ली में लगातार दूसरे दिन हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही, फिलहाल सुधार के आसार नहीं

नई दिल्ली राजधानी में शुक्रवार को एयर इंडेक्स में आंशिक सुधार हुआ। इससे हवा की गुणवत्ता पर खास असर नहीं...

कनाडा में पिछले सप्ताह तीन भारतीय छात्रों की हत्या कर दी, विदेश मंत्रालय बोला- घृणा अपराध से सतर्क रहें

नई दिल्ली कनाडा में पिछले सप्ताह तीन भारतीय छात्रों की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद ओटावा स्थित भारतीय...

उम्मीद है कि बांग्लादेश अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा: विदेश मंत्री

नई दिल्ली विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे...

प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में अपने पहले संबोधन में बैलेट पेपर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा

नई दिल्ली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले संबोधन में बैलेट पेपर को लेकर...

कर्नाटक में निजी स्कूलों ने कोरोना के दौरान छात्रों से 345 करोड़ रुपये अधिक वसूले : कैग

बेलगावी (कर्नाटक) कर्नाटक के निजी स्कूलों ने 2020-21 में कोरोना महामारी के दौरान छात्रों से 345.80 करोड़ रुपये अधिक वसूले...

पूर्व प्रधानमंत्री श्री वाजपेई का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में हो रहा साकार: जल संसाधन मंत्री सिलावट

भोपाल जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो...

अगले दो साल में पराली जलाने की समस्या का समाधान हो जाएगा: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

नई दिल्ली केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण...

सीएम भजनलाल शर्मा ने किसान सम्मेलन – पशुपालकों को 200 करोड़ रूपए की सहायता राशि का किया सीधा हस्तान्तरण

अजमेर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारा अन्नदाता किसान धरती माता का सच्चा सपूत है। जब किसान खुशहाल समृद्ध...

स्‍वीकृत भार से अधिक विद्युत का उपयोग करने पर तिलकराम स्‍वीट्स पर हुई कार्यवाही

भोपाल भोपाल के भानपुर क्षेत्र में स्थित तिलकराम स्वीट्स द्वारा अपने प्रतिष्‍ठान में स्‍थापित बिजली कनेक्‍शन के स्‍वीकृत भार से...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।