राष्ट्रीय

अपने राज्य की पहली मुस्लिम महिला पायलट बनी फातिमा, ‘बेकरी में काम करते थे पिता, बेटी उड़ा रही Airbus 320’

नई दिल्ली जिनके हौंसले बुलंद होते हैं वे तमाम मुश्किलों के बावजूद अपनी मंजिल पाने से पीछे नहीं हटते। कुछ...

प्रदूषण की वजह से दिल्ली में 9 दिन के लिए सभी स्कूल पूरी तरह बंद, ओला-ऊबर की एंट्री भी बैन

नई दिल्ली दिल्ली में प्रदूषण की वजह से स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान कर दिया गया है। दिल्ली के सभी...

धर्मेन्‍द्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने गिफ्ट सिटी में 2 ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की

नई दिल्ली केन्‍द्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री और सांसद जेसन...

वेंकैया नायडू की पड़ोसी राज्यों को नसीहत- ‘वायु प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लें, इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए’

नयी दिल्ली पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि केंद्र, दिल्ली सरकार और पड़ोसी राज्यों को शहर...

ऑपरेशन के बीच डॉक्टर ने मांगी चाय, नहीं मिली तो बेहोश महिलाओं को ऐसे ही छोड़कर निकला

महाराष्ट्र   महाराष्ट्र के नागपुर स्थित एक सरकारी अस्पताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक डॉक्टर चाय...

इस दिवाली दुआ करें; गाजा में हमास से चल रही जंग के बीच इजरायली राजदूत की भारतीयों से अपील

नई दिल्ली इजरायल और हमास में चल रही जंग के बीच इजरायली राजदूत ने भारतीयों से अपील की है। इस...

पैसे खर्च करके भारतीय शादी में शामिल हो रहे विदेशी, स्टार्टअप ने मचा दिया धमाल

नई दिल्ली भारत में होने वाली विभिन्न शादियों में हिस्सा लेने के लिए विदेशी नागरिक अच्छी-खासी रकम खर्च कर रहे...

150 कॉल कीं और पत्नी ने नहीं उठाया फोन तो पुलिस वाले ने 250 किलोमीटर से आकर की हत्या

बेंगलुरु एक पुलिस कांस्टेबल ने अपनी पत्नी को एक-दो नहीं करीब 150 कॉल किया। उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया। इसके...

नासा ने जारी की सैटेलाइट तस्वीर- दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, पाक से बंगाल की खाड़ी तक फैला पलूशन

नई दिल्ली दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। इसके चलते सरकार ने...

मोदी सरकार ने 415 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला : रिपोर्ट

नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र से भाारत के लिए अच्छी खबर सामने आई है। भारत में हाल के वर्षों में गरीबी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।