राष्ट्रीय

AAP सांसद संजीव अरोड़ा के घर ईडी की रेड, मनीष सिसोदिया ने बीजेपी को घेरा

लुधियाना आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम छापेमारी करने पहुंची...

शारदीय नवरात्रि 2024: पांचवे दिन मां स्कंदमाता पूजा विधि

नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कंदमाता माता की पूजा...

राजस्थान सफाई कर्मचारी के 23 हजार से अधिक पदों पर आज से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली स्थानीय स्वशासन विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से सफाई कर्मचारी के 23820 पदों पर भर्ती निकाली गई है।...

देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां लोग नवरात्रि में महिषासुर की पूजा करते हैं, क्योकि महिषासुर वध को छल मानता है ये समुदाय

नई दिल्ली नवरात्रि के दौरान जहां अधिकांश लोग देवी मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन देश में कुछ ऐसे...

*नांगलदेही में शिविर लगाकर फ्लोसिस लक्षण वाले 100 से ज्यादा बच्चों को सीएमएचओ ने ओरल हेल्थ कीट का किया वितरण*

*नांगलदेही में शिविर लगाकर फ्लोसिस लक्षण वाले 100 से ज्यादा बच्चों को सीएमएचओ ने ओरल हेल्थ कीट का किया वितरण*...

*राष्ट्रीय सेवा योजना डी ए व्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल मुंगझर जिला गरियाबंद ने स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत चलाया गया सफाई अभियान*

*राष्ट्रीय सेवा योजना डी ए व्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल मुंगझर जिला गरियाबंद ने स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत चलाया...

MP में कल से 3 दिन तेज बारिश: आज दिन-रात बराबर, प्रदेश में 41.8 इंच पानी गिर चुका

भोपाल मध्य प्रदेश में कुछ दिनों की राहत के बाद एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। बंगाल...

स्कूली छात्र का यौन शोषण करने वाले शिक्षक ने डिलीट किया मोबाइल डाटा, साइबर सेल भेजा गया मोबाइल

भोपाल कटारा हिल्स इलाके में 10वीं के छात्र के साथ यौन शोषण मामलें में पुलिस ने  स्कूल पहुंचकर वीडियोग्राफी करवाई।...

जिम से डाक्टर के 2 लाख के जेवर चोरी , पुलिस ने एक महिला को किया गिरफ्तार

भोपाल शाहपुरा पुलिस ने गोल्ड जिम में एक महिला डाक्टर के दो लाख की दिलचस्प चोरी का राजफाश कर दिया,...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।