छत्तीसगढ़

अधिकारियों की गलती से  वन मंत्री महेश गागडा ने फहराया -उल्टा तिरंगा…

 अधिकारियों की गलती से  वन मंत्री महेश गागडा ने फहराया -उल्टा तिरंगा...   वन मंत्री महेश गागडा ने फहराया -उल्टा...

बिना मदद के आगे बढ़ना है :: स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद:

बिना मदद के आगे बढ़ना है :: स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानंद:   गुरुकुल की परंपरा यदि देखना है तो श्रीविद्या मठ, केदारघाट...

अज्ञात कारणों के चलते एक महिला की मौत. पारीजनो ने जताई हत्या की आशंका…

अज्ञात कारणों के चलते एक महिला की मौत. पारीजनो ने जताई हत्या की आशंका... बालोद. बालोद जिले के अन्तर्गत गुरूर...

मंत्री श्री कश्यप ने रमेश को नेशनल एशियन फुटबॉल अंडर 18 में चयन होने पर दी बधाई और शुभकामनाएं***

  *मंत्री श्री कश्यप ने रमेश को नेशनल एशियन फुटबॉल अंडर 18 में चयन होने पर दी बधाई और शुभकामनाएं*...

देश का सबसे बड़ा नुकसान गौ हत्या से हो रहा है : स्वरूपानन्द सरस्वती…

देश का सबसे बड़ा नुकसान गौ हत्या से हो रहा है : स्वरूपानन्द सरस्वती खबरीलाल रिपोर्ट (वृंदावन) :: स्वामी करपात्री...

धर्मसम्राट् एवं स्वामिश्रीः के जयघोष से गूंजा श्रीविद्यामठ …

धर्मसम्राट् एवं स्वामिश्रीः के जयघोष से गूंजा श्रीविद्यामठ । खबरीलाल रिपोर्ट (वृंदावन) ::- 13 जुलाई को बनारस के केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ...

शंकराचार्य आश्रम में मनाया गया करपात्री जी का प्राकट्य दिवस…

  शंकराचार्य आश्रम में मनाया गया करपात्री जी का प्राकट्य दिवस। रायपुर के बोरियाकला स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य आश्रम में आश्रम...

लोकप्रिय सांसद श्री चंदू लाल साहू जी सुखरीडबरी-कस्तूरबोड (खल्लारी) में विद्युत सब स्टेशन उदघाटन समारोह व वृक्षारोपड़ कार्यक्रम में हुए शामिल,भाजपा सरकार की उपलब्धियों से आम जनता को कराये अवगत …

*लोकप्रिय सांसद श्री चंदू लाल साहू जी सुखरीडबरी-कस्तूरबोड (खल्लारी) में विद्युत सब स्टेशन उदघाटन समारोह व वृक्षारोपड़ कार्यक्रम में हुए...

छत्तीसगढ़ के समस्त बॉधो के अनुपात में सिकासार में सर्वाधिक जल भराव हुआ…

छ ग के समस्त बॉधो के अनुपात में सिकासार में सर्वाधिक जल भराव हुआ। देवभोग रायपुर एन एच में घंटो...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।