छत्तीसगढ़

राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा के लिए 12,000 टन सहायता भेजी गई: अल-सिसी

राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा के लिए 12,000 टन सहायता भेजी गई: अल-सिसी काहिरा  मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने...

ग्रामीणों ने पेड़ काटकर मार्ग अवररूद्ध कर 04 ट्रक ड्राइवरों से की मारपीट

कांकेर जिले के दुगार्कोंदल स्थित चेमल की पुष्प स्टील माइंस से लौह अयस्क लेकर लौट रही ट्रकों के ड्राइवरों से...

कांग्रेस ने भी मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की थी : बसपा प्रमुख मायावती ने तेलंगाना में कहा

हैदराबाद  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के एक...

क्या इस बार लिओनिंग बनेगा वुहान, चीन में फिर लीक हो गया वायरस!

 लिओनिंग चीन में कोरोना वायरस महामारी (Covid-19) के बाद एक और रहस्यमयी बीमारी तेजी से फैलती जा रही है. चीनी...

अरपा रेडियो को यूनेस्को द्वारा सम्मान

बिलासपुर। अरपा रेडियो को इनोवेटिव कम्युनिकेशन के लिए युनेस्को द्वारा सम्मानित किया गया। दिल्ली में आयोजित एक समारोह में आज...

कर्नाटक सरकार के पास जाति जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं : प्रल्हाद जोशी

हुबली केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक सरकार के पास जाति...

KCR सरकार अपनी एक्सपायरी डेट पार कर चुकी है : प्रियंका गांधी

वारंगल (तेलंगाना) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि तेलंगाना में केसीआर सरकार अपनी एक्सपायरी डेट पार...

कविता ने चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने का जताया विश्वास, कहा- बीआरएस लगाएगी सीटों का शतक

तेलंगाना  तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता ने चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने का विश्वास...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।