छत्तीसगढ़

हिंदू होने के कारण मैं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में शामिल हो पाया: रामास्वामी

वाशिंगटन. रिपब्लिकन की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने अपने हिंदुत्व के बारे में खुलकर बात की...

कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा ने चुनाव प्रभावित करने के लिए रचा सलमान की हत्या का षडयंत्र – विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने छतरपुर जिले...

त्रिशंकु विधानसभा रहने पर तेलंगाना में किसका फायदा, क्या बदल रहा है समीकरण?

तेलंगाना तेलंगाना विधानसभा चुनावों इस बार आमतौर पर कांग्रेस और सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति के बीच ही मुकाबला बताया जाता...

Rohit Sharma के नाम जुड़ा विश्व रिकॉर्ड, बतौर कप्तान किया ऐसा काम, हर कोई बोलेगा वाह-वाह

अहमदाबाद अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक बार फिर से भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलााफ खेले...

महिला डॉक्टर ने किराए के मकान में लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस

गरियाबंद महिला डॉक्टर ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर...

कांग्रेसजनों ने याद किया इंदिरा गांधी को

रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शंकर नगर रायुपर में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शनी स्व. इंदिरा गांधी के...

निकारागुआ की शेन्निस पलासियोस ने जीता मिस यूनिवर्स 2023 का खिताब

न्यूयार्क. 'मिस यूनिवर्स 2023' की विजेता सामने आ गई है और  मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ की शेन्निस पलासियोस ने वर्ष...

पाकिस्तान से खाली हाथ जाने को मजबूर अफगानी, पीछे छूट गई लाखों की संपत्ति और रकम

इस्लामाबाद हाजी मुबारक शिनवारी 1982 में अपने पांच बेटों और दो भाइयों के साथ पाकिस्तान आए थे। उन्होंने कड़ी मेहनत...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।