छत्तीसगढ़

भैरूंदा (सीहोर) में ग्राम विकास सम्मेलन आज, मुख्यमंत्री डॉ. यादव, केन्द्रीय कृषि मंत्री सहित अन्य मंत्रीगण होंगे शामिल

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में भैरूंदा में 8 अक्टूबर को दोपहर एक बजे "ग्राम विकास सम्मलेन"...

दुर्गम गांवों में रहने वाले कई जनजातीय परिवारों की जीवन-रेखा बनी हर्रानाला से दुगलई सड़क

भोपाल कभी वो दिन भी थे, जब दुगलई गांव के लोगों को अपनी ही ग्राम पंचायत बिठली तक जाने के...

प्रधानमंत्री श्री मोदी के जनकल्याण और राष्ट्रसेवा को समर्पित 23 वर्ष

भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनकल्याण और राष्ट्र सेवा में समर्पित अपने 23 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री डॉ....

जनजातियों का ज्ञान और परंपराएं दूसरे समाजों के लिए भी अनुकरणीय : टेकाम

रायपुर जनजातियों के गौरवशाली इतिहास, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और जनजातीय महानायकों के...

जब उनकी इच्छा पूरी नहीं होती, तब वे अच्छे काम करने वालों को परेशान करते हैं, हिमंत सरमा और शिवराज पर बड़ा हमला: कल्पना सोरेन

गुमला गांडेय विधायक कल्पना सोरेन सम्मान यात्रा के क्रम में सोमवार को गुमला जिले के सिसई में जनसभा को संबोधित...

पन्ना टाइगर रिजर्व में एक साल बाद एक बार फिर नन्हें शावकों की किलकारी गूंजी है, यहां बाघिन पी-141 ने 4 शावकों को जन्म दिया

पन्ना पन्ना टाइगर रिजर्व में एक साल बाद एक बार फिर नन्हें शावकों की किलकारी गूंजी है। यहां बाघिन पी-141...

प्रवर्तकता और मिशन वात्सल्य कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का किया जाएगा चिन्हांकन

रायपुर एकीकृत बाल संरक्षण योजना, मिशन वात्सल्य महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत प्रवर्तकता कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से...

पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी की उज्जैन लेब को मिला राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणीकरण, ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने दी बधाई

भोपाल मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उज्जैन में स्थापित टेस्टिंग लेब को नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फार टेस्टिंग कालिब्रेशन...

क्षेत्र के विकास एवं बुनियादी सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिये सतत कार्य किये जा रहे हैं : वन मंत्री श्री रावत

भोपाल वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत ने कहा है कि क्षेत्र के विकास एवं बुनियादी सुविधाओं को और...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।