छत्तीसगढ़

China Masters 2023: सात्विक-चिराग ने मचाया धमाल, चीन मास्टर्स के फाइनल में की एंट्री

शेनझेन. भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए शनिवार को ही जी टिंग...

पापा को देख बेतहाशा दौड़ पड़ा 9 साल का मासूम, 50 दिनों के बाद हमास के चंगुल से रिहाई

नई दिल्ली. इजरायल और हमास के बीच हुए समझौते के मुताबिक युद्ध विराम के दूसरे दिन शनिवार को हमास ने...

आतंकियों ने पकड़े इजरायली ‘जासूस’, हत्या के बाद शवों को भीड़ से रौंदाया; फिर बिजली के खंभे पर टांग दिया

तेल अवीव. इजरायल और गाजा के बीच चार दिन के युद्धविराम के बीच भी हमले की कई खबरें सामने आ...

यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के उपाध्यक्षध पद के लिए पाकिस्तान ने भारत को हराया

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर भारत और पाकिस्तान के बीच अकसर तीखी  बहस देखने को मिलती है। एक...

मोनालिसा ने सेक्सी आउटफिट पहन जमीन पर बैठे दिए किलर पोज, अदाएं ऐसी की दिल हार गए फैंस

मोनालिसा ने सेक्सी आउटफिट पहन जमीन पर बैठे दिए किलर पोज, अदाएं ऐसी की दिल हार गए फैंस मुंबई  भोजपुरी...

दक्षिण अफ्रीका ने 2027 महिला विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी की दावेदारी वापस ली

दक्षिण अफ्रीका ने 2027 महिला विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी की दावेदारी वापस ली जोहान्सबर्ग  दक्षिण अफ्रीका फुटबॉल एसोसिएशन ने...

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में सराही गयी राधिका मदान की फिल्म सना

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में सराही गयी राधिका मदान की फिल्म सना मुंबई  बॉलीवुड अभिनेत्री राधिका मदान की फिल्म...

वल्र्डकप ट्राफी पर पैर रखने के मामले में इस स्टार खिलाड़ी की मुश्किलें बढ़ीं, दिल्ली गेट थाने में शिकायत दर्ज

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।