छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री साय शामिल हुए छत्तीसगढ़ नागवंशी समाज के गौरव दिवस महासम्मेलन में

रायपुर हमारा देश और समाज हमेशा प्रगतिशील सोच के साथ आगे बढ़ेे, समाज की नई पीढ़ी शिक्षा के क्षेत्र में...

मां नाथल दाई पर्यटन केंद्र के रूप में होगा विकसित: मुख्यमंत्री साय

रायपुर हमारी सरकार लगातार लोगों की सुख-समृद्धि के लिए काम कर रही है। 3100 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदी,...

छत्तीसगढ़ सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है उसमे ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया गया है: रामनरेश पटेल

मनेंद्रगढ़/एमसीबी मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ओबीसी वर्ग के लोगो ने एकजुट होकर पत्रकार भवन में कहा कि ओबीसी वर्ग के लिए...

विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष पिंकी बाजारी सहित 35 महिलाओं द्वारा की गई भोरमदेव की धार्मिक यात्रा ….

रायपुर - प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सरोदा डैम जाकर विप्र सखियों ने वहां बहुत शांति और आनंद का अनुभव किया,,...

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*   रायपुर - कांग्रेस के नेता अनिल यादव ने अपना जन्मदिन पूर्व...

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन* रायपुर - कांग्रेस के नेता अनिल यादव ने अपना जन्मदिन पूर्व मुख्यमंत्री...

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी पर ओबीसी महासभा लामबंद*

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी...

*भाजपा की संविधान और दलित विरोधी मानसिकता उजागर, माफी मांगे अमित शाह – फूलोदेवी नेताम*

*भाजपा की संविधान और दलित विरोधी मानसिकता उजागर, माफी मांगे अमित शाह - फूलोदेवी नेताम*   रायपुर- संसद में संविधान...

*रायपुर के खिलाड़ी आरव बाघे ने जूनियर कराते छत्तीसगढ का प्रतिनिधित्व करते हुए मारी बाजी जीता कांस्य पदक ….*

*रायपुर के खिलाड़ी आरव बाघे ने जूनियर कराते छत्तीसगढ का प्रतिनिधित्व करते हुए मारी बाजी जीता कांस्य पदक ....*  ...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।