छत्तीसगढ़

आज फिर भारत का ऑस्ट्रेलिया से होगा सामना, वर्ल्ड कप की हार का गम भुलाकर मैदान पर उतरेगा भारत

नई दिल्ली भारत और ऑस्ट्रेलिया के भिड़ंत वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल रविवार 19 नवंबर को हुई थी। इसके बाद...

भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर में अब हिंदी में पढ़ाया जाएगा लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम कोर्स, 10 दिवसीय होगा पाठ्यक्रम

इंदौर भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (IIM-I) ने हिंदी में भी नेतृत्व विकास का पाठ पढ़ाने का निर्णय लिया है, और...

कांकेर में रेलवे लाइन के निर्माणाधीन ब्रिज उड़ाने का नक्सलियों का प्लान ध्वस्त

कांकेर. रेलवे लाइन के निर्माणाधीन ब्रिज को उड़ाने के लिए नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बम को सुरक्षाबलों ने निष्क्रिय...

CS इकबाल सिंह बैंस को तीसरी बार मिली सेवावृद्धि, चुनाव आयोग ने भी बढ़ाया कार्यकाल

भोपाल मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक बार फिर सेवावृद्धि मिली है. सूबे में चुनाव आचार...

इस बार नवंबर में बन रहे हैं वर्षा के आसार, मौसम विज्ञानियों की यह है राय

भोपाल मध्यप्रदेश में 25 नवंबर से मौसम बदल जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों ने 26 से 28 नवंबर के बीच भोपाल, इंदौर,...

स्वास्थ्य विभाग का लेखापाल अधिकारी से रिश्वत लेते धराया, 45 हजार रुपये किए गए बरामद

खरगोन मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की झिरनिया तहसील में रिश्वत के लेनदेन का एक अनोखा मामला ट्रैप हुआ है, जिसमें...

देवास में चिप्स फैक्ट्री में आग से 50 लाख का सामान खाक

देवास चिप्स बनाने वाली किसान फूड इंड्रस्टीज में को भीषण आग लग गई। घटनाक्रम शहर से दूर ग्रामीण क्षेत्र में...

DAVV ने विश्वविद्यालय ने महीनेभर परीक्षाएं आगे बढ़ाई, दिसंबर में शेड्यूल होगा जारी

 इंदौर  विधानसभा चुनाव की वजह से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा और रिजल्ट की व्यवस्था बेपटरी हो गई। नवंबर में...

नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले वाइल्डर्स बनेंगे PM, जीता नीदरलैंड का चुनाव

नई दिल्ली नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी पर जब दुनिया भर में बवाल मचा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।