छत्तीसगढ़

पाकिस्तान की सैन्य सहायता तत्काल बंद करो, अमेरिकी सांसदों ने गिना दीं पाक की करतूतें

इस्लामाबाद पाकिस्तान की करतूतों और राजनीतिक भविष्य को देखते हुए अमेरिका के 11 सांसदों ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को...

किशोर लड़कियों की खून से लथपथ लाश, नग्न शरीर पर स्पर्म के दाग, अल्लाहू-अकबर कहने वाले आतंकियों की बर्बर दास्तां

नई दिल्ली पिछले महीने 7 अक्टूबर को हमास के खूंखार आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला बोल दिया था। इस...

मध्य प्रदेश में महिला मतदान ने भाजपा और कांग्रेस में जगाई आस

भोपाल. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों में सफलता...

भारत के लिए इंदिरा गांधी जन नेता व प्रधानमंत्री थीं, मेरे लिए मेरी शिक्षक : राहुल

नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को इंदिरा गांधी को उनकी 105वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी...

भाजपा की सरकार बनने पर सबका चुकता किया जायेगा हिसाब : पीएम मोदी

चुरु. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण की राजनीति करने एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने...

एमपी-छत्तीसगढ़ में किसकी बनेगी सरकार? मतदान के बाद चल रहा आकलन

रायपुर. मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मतदान समाप्त होने के बाद दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस व भाजपा ने हर विधानसभा...

जर्मनी ने वेनेजुएला को हरा, फीफा अंडर-17 के 16 राउंड में बनाई जगह

बर्लिन. जर्मनी ने ग्रुप एफ में अपने तीसरे मुकाबले में वेनेजुएला को 3-0 से हराकर फीफा अंडर-17 विश्वकप के राउंड...

ऐतिहासिक पलः भारत की GDP पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार, जर्मनी को चौथे स्थान से हटाने की तैयारी

 नई दिल्ली भारतीय अर्थव्यवस्था ने आज बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रविवार (19 नवंबर) को भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।