छत्तीसगढ़

सीबीएसई नेशनल बॉस्केटबॉल चैपियनशिप डी.पी.एस.चैंपियन

राजनांदगांव दिल्ली पब्लिक स्कूल एवं साई ट्रेनिंग सेंटर राजनांदगांव में चल रहे सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप डीपीएस राजनांदगांव ने युगान्तर...

संन्यास की अटकलों को डेविड वॉर्नर ने किया खारिज, खेलेंगे अगला वर्ल्ड कप, बोले– “2027 में मिलते हैं…”

नई दिल्ली आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे डेविड वॉर्नर ने अपने संन्यास...

भारत की सड़कों से चंद कदम दूर Tesla! जानिए पहली कार और फैक्ट्री को लेकर कहां तक पहुंचा प्लान

नईदिल्ली इंडियन ऑटो सेक्टर तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रहा है, भारत के बढ़ते बाजार पर तकरीबन हर दिग्गज़ ब्रांड की...

प्रदेश पुलिस में एक साल पहले की ही तरह इस साल भी डीआईजी की पदोन्नति को लेकर पेंच फंस

भोपाल प्रदेश पुलिस में एक साल पहले की ही तरह इस साल भी डीआईजी की पदोन्नति को लेकर पेंच फंस...

टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में 3,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना

टाइटन कंपनी की अगले पांच साल में 3,000 कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना मुंबई टाइटन कंपनी की अगले पांच साल...

इटली, स्लोवेनिया और चेक गणरज्य ने यूरो 2024 के लिए क्वालीफाई किया

मिलान पिछले दो विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे इटली ने अगले साल होने वाली यूरोपीय फुटबाल...

इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिए वेस्टइंडीज की टीम में दो नए चेहरे

सेंट जोन्स वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने होने वाली एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला के लिए ऑलराउंडर शेरफेन रदरफोर्ड...

पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कड़क सिंह’ जी5 पर आठ दिसंबर को प्रदर्शित होगी

पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कड़क सिंह’ जी5 पर आठ दिसंबर को प्रदर्शित होगी नई दिल्ली  अभिनेता पंकज त्रिपाठी के अभिनय वाली...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।