छत्तीसगढ़

प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी दुर्ग यूनिवर्सिटी मैं 1 अगस्त से प्रवेश फार्म भरना शुरू हो गया है

बालोद–गुरुर मां बहादुर कलारीन कला एवं विज्ञान महाविद्यालय गुरुर जिला बालोद छत्तीसगढ़ में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार शैक्षणिक सत्र...

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के जन्म स्थल में मंदिर निर्माण के शुभ अवसर पर आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा रैली कार्यक्रम आयोजित किया गया

बालोद–आज दिनांक 5/08 /2020 को भारतीय जनता पार्टी मंडल गुरुर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी जन्म स्थली अयोध्या नगरी...

वक्ता मंच कोरोना रोकथाम हेतु सहायता व जागरूकता कार्य तेज करेगा

रायपुर।राजधानी में कोरोना की रोकथाम हेतु समाजसेवी संस्थाओ की भूमिका विषय पर आज 5 अगस्त को कलेक्ट्रेट हाल में प्रमुख...

ग्राम पंचायत जेंजरा , गौठान में की 300 क्विंटल गोबर की खरीदी

संवाददाता - उरेन्द्र कुमार साहू लोहरसी फिंगेश्वर | ग्राम पंचायत जेंजरा में गोधन न्याय योजना अंतर्गत फिंगेश्वर जनपद पंचायत के...

तेंदुआ खाल की तस्करी करते आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद :- पुलिस अधीक्षक गरियाबंद श्री भोजराम पटेल को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि मैनपुर क्षेत्र...

पुलिस अधीक्षक धमतरी का अनुठा प्रयास बच्चों के अपहरण को रोकने, चाईल्ड ट्रैफ्किंग पर बनाई शार्ट फिल्म “72 घंटे”

पुलिस अधीक्षक महोदय श्री बी. पी. राजभानु के कुशल निर्देशन एवं अनुठे प्रयास से एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा...

आज जिला भाजपा कार्यालय मे भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरपंचो का बैठक आहूत किया गया था।

जिसमें सरपंच संघ का चुनाव कराने विषय पर चर्चा किया गया और चुनाव कराने हेतु सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री...

रामराज्य की स्थापना दिवस के साक्षी बने अपने घरो में 5 दीपक प्रज्ज्वलित करे

संवाददाता उरेंद्र कुमार साहू लोहरसी गरियाबंद | 5 अगस्त 2020 को उरेन्द्र कुमार साहू जी का कहना है , की...

वाम पार्टियों का संयुक्त बयान : 9 अगस्त की देशव्यापी मजदूर-किसान आंदोलन को वामपंथी पार्टियों ने दिया समर्थन

छतीसगढ़ की पांच वामपंथी पार्टियों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, किसान संघर्ष समन्वय समिति और भूमि अधिकार आंदोलन से जुड़े किसान-आदिवासी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।