छत्तीसगढ़

शराब कारोबारी के ठिकानों पर IT का छापा:बिलासपुर में सोम ग्रुप के ठिकानों पर दबिश, 20 हजार करोड़ का है डिस्टलरीज कारोबार…

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आयकर की टीम ने मंगलवार की सुबह शराब कारोबारी सोम ग्रुप के बॉटलिंग प्लांट सहित अन्य...

‘छत्तीसगढ़ को भाजपा ने बनाया है भाजपा ही संवारेगी’:सरगुजा के दतिमा में कांग्रेस पर बरसे प्रधानमंत्री, कहा- इस सरकार को हटाना जरूरी…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दतिमा में भाजपा की संभाग स्तरीय सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के...

विश्व कप क्वालीफायर के लिए ब्राजील ने 17 साल के एंड्रिक को टीम में शामिल किया

रियो डी जिनेरियो. ब्राजील ने इस महीने कोलंबिया और अर्जेंटीना के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर मैच के लिए पहली बार...

प्रियंका बोलीं- गलती करोगे तो 5 साल भुगतोगे:बालोद में ​प्रियंका बोलीं- देश में महंगाई चरम पर, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं…

प्रियंका गांधी बोलीं गलती करोगे तो पांच साल भुगतोगे, सोच समझकर वोट देंगे तो फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी।...

सिविल जज ने सरकारी अस्पताल में करवाई अपनी डिलीवरी

फिरोजाबाद  सरकारी अस्पतालों में प्रसव से सामान्य परिवारों के सदस्य भी बचते हैं। ऐसे में एक महिला न्यायाधीश ने सरकारी...

दिल्ली सरकार के बाद अब MCD कर्मचारियों को भी दिवाली बोनस

नई दिल्ली. दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों के बाद अब एमसीडी कर्मचारियों के लिए भी दिवाली बोनस का ऐलान किया गया...

राजस्थान में 2,605 उम्मीदवारों ने दाखिल किए 3,436 नामांकन पत्र

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी...

न्यूजीलैंड टीम में सेंटनेर और रविंद्र को किया गया बांग्लादेश दौरे के लिये शामिल

क्राइस्टचर्च. बायें हाथ के स्पिनर मिचेल सेंटनेर को बांग्लादेश के खिलाफ इस महीने के आखिर में होने वाली दो टेस्ट...

डब्ल्यूटीए फाइनल्स का खिताब इगा स्विएटेक ने जीता

कैनकन. पोलैंड की टेनिस खिलाड़ी इगा स्विएटेक ने डब्ल्यूटीए फाइनल में अमेरिका की जेसिका पेगुला को 6-1, 6-0 से हराकर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।