छत्तीसगढ़

शशि थरूर का बड़ा दावा, कहा- मिजोरम पूर्वोत्तर का पहला राज्य होगा जहां कांग्रेस 2014 के बाद सत्ता में लौटेगी

नई दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शनिवार को विश्वास जताया कि उनकी पार्टी मिजोरम में अगली सरकार...

राजनाथ ने शिवराज सिंह के कार्यों की सराहना की- ‘लोग खुद बोल रहे विकास देखना है तो MP में जाना होगा’

भिंड रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी नापाक हरकत को अंजाम देने की...

मंत्री राजकुमार आनंद पर हवाला के जरिये पैसा चीन भेजने का आरोप

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार सुबह तक दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद के परिसर खंगालने के बाद...

कांकेर की सभा में बोले पीएम मोदी- कांग्रेस और विकास एक साथ संभव नहीं

रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस और विकास दोनों एक साथ संभव नहीं हैं। छत्तीसगढ़ की...

बीजेपी विधायक के जनसंवाद कार्यक्रम में उनके ही कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा, खोली सरकार के दावों की पोल

  चरखी दादरी हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के 9 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी...

कांग्रेस पर INDIA गठबंधन में हलचल तेज; नीतीश से पहले लालू मिले, अब आया खरगे का फोन

नई दिल्ली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कांग्रेस की INDIA गठबंधन में भूमिका को लेकर दिए गए बयान के बाद विपक्षी...

सिंगर से रेप मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्रा को कोर्ट ने सुनाई 15 साल की सजा

भदोही वाराणसी की सिंगर से रेप के मामले में भदोही की एमपी-एमएलए कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद...

टिकट कटने के बाद अशीर्वाद लेने पहुंची कांग्रेस प्रत्याशी, नाराज विधायक ने किया ऐसा सलूक

जयपुर. जैसे-जैसे राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की सूची आती जा रही है वैसे-वैसे पार्टी में बगावत के झंडे...

पहले मेरी शादी तो कराओ… चुनाव में ड्यूटी से इनकार कर टीचर ने लिखा लेटर; दहेज और फ्लैट की भी मांग

सतना मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई है। सूबे में 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव के मद्देनजर सरकारी...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।