छत्तीसगढ़

बस्तर अंचल में अब बह रही है विकास की बयार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

बस्तर अंचल में अब बह रही है विकास की बयार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्यमंत्री साय ने पखांजूर में...

मुख्यमंत्री 12 दिसंबर को राजधानी रायपुर, कोरबा और तखतपुर में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 12 दिसंबर को राजधानी रायपुर, कोरबा और बिलासपुर जिले के तखतपुर में आयोजित कार्यक्रमों में...

कलेक्टर ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्यों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की

मोहला, कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने गत दिवस मानपुर के सामुदायिक मंगल भवन में ग्राम पंचायतों में चल रहे एलडब्ल्यूई...

11 दिसम्बर को मुख्यमंत्री साय पखांजूर में देंगे 02 अरब 54 करोड़ 15 लाख रूपए के 68 विकास कार्यों की सौगात

उत्तर बस्तर कांकेर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बुधवार 11 दिसम्बर को कांकेर जिले के पखांजूर के प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान...

तीनों जगह पर छापा मरकर देह व्यापार में लिप्त पांच महिलाओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिलासपुर शहर के शनिचरी बाजार, बृहस्पति बाजार और कोन्होर गार्डन के पास देह व्यापार में संलिप्त महिलाओं ने अपना ठिकाना...

नक्सलियों के खिलाफ बड़े अभियान तैयारी कर रही तीन राज्यों की पुलिस, मुरकुडडोह बेस कैंप में कर रही पेट्रोलिंग

रायपुर नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक, तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और...

डीएमएफ घोटाला में ED की पेश चार्जशीट, निलंबित आईएएस रानू साहू सहित 15 आरोपियों ने हैं नाम

रायपुर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुचर्चित खनिज जिला न्यास मद (डीएमएफ) घोटाले के मामले में सोमवार को विशेष कोर्ट में...

टिफिन बम व विस्फोटक समेत 2 नक्सली सदस्य गिरफ्तार

सुकमा सुकमा| जिले के फूलबगड़ी पुलिस व डीआरजी की संयुक्त टीम ने दो नक्सलियों को विस्फोटक समेत गिरफ्तार किया है।...

फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से ठगे करोड़ों रुपये, चार गिरफ्तार

बिलासपुर जिले के बेरोजगारों को जेल प्रहरी और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।