छत्तीसगढ़

*जारी विकास परियोजनाओं के कार्यों की गति करे तेज- सचिव श्री कावरे*

*जारी विकास परियोजनाओं के कार्यों की गति करे तेज- सचिव श्री कावरे*     *जिला प्रभारी सचिव श्री महादेव कावरे...

*छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय  प्रतियोगिता 2024 का हुआ समापन, मुख्यमंत्री के हाथों विजेताओं का हुआ सम्मान*

*छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय  प्रतियोगिता 2024 का हुआ समापन, मुख्यमंत्री के हाथों विजेताओं का हुआ सम्मान*     छत्तीसगढ़ पुलिस...

*छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का हुआ समापन, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व गृह मंत्री विजय शर्मा ने विजेताओं का किया सम्मान*

*छत्तीसगढ़ पुलिस राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का हुआ समापन, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व गृह मंत्री विजय शर्मा ने विजेताओं...

*बालाजी 11 देवभोग का जलवा बरकरार, फाइनल में खुटगांव को हराकर ट्रॉफी पर किया कब्जा*

*बालाजी 11 देवभोग का जलवा बरकरार, फाइनल में खुटगांव को हराकर ट्रॉफी पर किया कब्जा*     *देवभोग:-* इन दिनों...

*गरियाबंद आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी, 30 लीटर शराब किया जप्त*

*गरियाबंद आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी, 30 लीटर शराब किया जप्त*     कलेक्टर गरियाबंद...

*गरियाबंद आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी, 30 लीटर शराब किया जप्त*

*गरियाबंद आबकारी विभाग की अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी, 30 लीटर शराब किया जप्त*   कलेक्टर गरियाबंद दीपक...

*ओबीसी से आने वाले जातिगत समीकरण में फिट बैठने वाले शंकर मेंहत्तर लाल साहू कांग्रेस से टिकट कटने के बाद अब लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव*

*ओबीसी से आने वाले जातिगत समीकरण में फिट बैठने वाले शंकर मेंहत्तर लाल साहू कांग्रेस से टिकट कटने के बाद...

*ओबीसी से आने वाले जातिगत समीकरण में फिट बैठने वाले शंकर मेंहत्तर लाल साहू कांग्रेस से टिकट कटने के बाद अब लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव*

*ओबीसी से आने वाले जातिगत समीकरण में फिट बैठने वाले शंकर मेंहत्तर लाल साहू कांग्रेस से टिकट कटने के बाद...

*उत्कल समाज की एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती अपराजिता षड़ंगी ने कहा* *आप लोग दूर रहकर भी अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हों*

*उत्कल समाज की एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती अपराजिता षड़ंगी ने कहा* *आप लोग दूर रहकर भी अपनी संस्कृति...

*शासकीय प्राथमिक विद्यालय पडकीभाट में कराया गया न्योता भोज,बच्चो में दिखा उत्साह*

*शासकीय प्राथमिक विद्यालय पडकीभाट में कराया गया न्योता भोज,बच्चो में दिखा उत्साह*     बालोद, जिले के गुरुर विकासखंड के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।