छत्तीसगढ़

पुल की रेलिंग तोड़ नदी में गिरी बस, सात की मौत,रेस्क्यू जारी

भोपाल। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बुधवार देर रात यात्री बस अनियंत्रित होकर पुल की रेलिंग तोड़ते हुए रीछन...

दिल्ली में जैश के आतंकवादी घुसे, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन से चार आतंकी छिपे होने की खबर है। सुरक्षा एजेंसियों...

जस्टिस रविन्द्र भट्ट भी गौतम नवलखा मामले की सुनवाई से हुए अलग

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव केस मामले में अब जस्टिस रविन्द्र भट्ट ने भी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की अर्जी पर...

रायपुर में हिस्ट्रीशीटर को कारोबारी ने मारी गोली, जुर्म कबूलने खुद पहुंचा थाने

रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में एक कारोबारी ने हिस्ट्रीशीटर की गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद...

वन मंत्री के निर्देश पर अवैध कटाई की जांच करने पहुचे प्रधान वन संरक्षक

गरियाबंद । भारी बारिश के बावजूद नदी नालो के बाढ को पार कर पहुचे अफसर पंचनामा करने मैनपुर:- गरियाबंद जिले...

कांग्रेस नेता पीएल पुनिया का फोन उठाकर ट्रेन से कूदा बदमाश, PMO में हुई शिकायत

रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) पीएल पुनिया (PL Punia) के साथ...

त्‍योहारों के बाद गंगा में बहाईं प्रतिमाएं तो लगेगा 50 हजार रुपये जुर्माना, केंद्र ने राज्‍यों को जारी किए दिशानिर्देश

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने त्‍योहारों (Festivals) के बाद गंगा और उसकी सहायक नदियों (Ganga and Tributaries) में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।