छत्तीसगढ़

कांग्रेस 33 साल से हार रही आसींद सीट, बीजेपी फिर मजबूत लेकिन इस दांव से पलट सकती है बाजी

कोटा आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के जीतने की प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही है. आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र...

इंदौर में सोना 61 हजार रुपये पार और चांदी के दाम 73 हजार रुपये पर

 इंदौर इजरायल-हमास संघर्ष और त्योहारी सीजन के चलते सोने की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने लगी है।...

इजरायल की मदद के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बनाया प्लान, अरबों डॉलर की रकम और हजारों सैनिक तैयार

वाशिंगटन हमास से जंग के बीच इजरायल के समर्थन में तेल अवीव तक गए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अब जंग...

कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों ने भरे नामांकन

बीजापुर/कांकेर. नारायणपुर विधानसभा क्रमांक 84 से गुरुवार को कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप ने नामांकन दाखिल किया। इस दौरान कार्यक्रम में...

BJP विधानसभा चुनाव की लड़ाई में नहीं है :कमलनाथ

 भोपाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा जुबानी हमला...

BJP विधानसभा चुनाव की लड़ाई में नहीं है :कमलनाथ

 भोपाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा जुबानी हमला...

AAP ने राजस्थान में कैंडिडेट की लिस्ट जारी करने में देरी क्यों की?

जयपुर आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए तो उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया, लेकिन चुनाव की...

अमिताभ बच्चन ने ‘कौन बनेगा करोड़पति 15’ में एक दिलचस्प खुलासा किया है

मुंबई अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के शहंशाह हैं। लंबे समय से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं। 81 साल...

महिला ने ब्लैक कोबरा गले में डालकर कहा- मेरा मरा हुआ बेटा है, दरी बिछाकर बैठाया

कोटा राजस्थान के कोटा में एक घर में ब्लैक कोबरा घुस गया. जब घर के लोग सांप की ओर दौड़े...

अमित शाह ने कांग्रेस के एटीएम पर साधा निशाना

जगदलपुर/कोंडागांव. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जगदलपुर में जनसभा को संबोधित किया। अमित शाह ने कोंडागांव की जनसभा में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।