छत्तीसगढ़

नगरनार प्लांट ही नहीं बस्तर से एक मुट्ठी मिट्टी भी ले जाने की ताकत बीजेपी में नहीं : मुख्यमंत्री बघेल

जगदलपुर जगदलपुर में चुनावी जनसभा में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की उपलब्धियां बताते हुए बीजेपी के दावों...

*जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए लिये जाएंगे नाम निर्देशन पत्र*,, *कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने, नाम निर्देशन कक्ष का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का लिया जायजा*

*जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए लिये जाएंगे नाम निर्देशन पत्र*,,         *कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन...

इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी अपने पार्टनर से हुईं अलग, कहा- हम साथ नहीं रह सकते

इटली इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी अपने पार्टनर एंड्रिया जियाम्ब्रूनो से अलग हो गईं हैं। शुक्रवार को उन्होंने अपने सोशल...

फ्लू होने के बाद दलाई लामा का सिक्किम, बायलाकुप्पे और हुनसूर का दौरा रद्द

बायलाकुप्पे धर्मशाला दलाई लामा की स्वास्थ्य समस्या को देखते हुए उनके कार्यालय ने शुक्रवार को दिसंबर के मध्य तक सिक्किम,...

कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी सूची आने के बाद विरोध स्वर भी तेज

भोपाल कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी सूची आने के बाद विरोध की स्वर भी तेज हो गए हैं। रीवा, भोपाल,  मुरैना...

राहुल गांधी ने तेलंगाना में बनाया डोसा, बच्चों को बांटी चॉकलेट

जगतियाल (तेलंगाना) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को तेलंगाना के जगतियाल जिले में सड़क किनारे एक भोजनालय में डोसा...

राहुल गांधी ने तेलंगाना में बनाया डोसा, बच्चों को बांटी चॉकलेट

जगतियाल (तेलंगाना) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को तेलंगाना के जगतियाल जिले में सड़क किनारे एक भोजनालय में डोसा...

शारीरिक अक्षम कर्मचारी करवाएंगे विधानसभा चुनाव

रायपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो गया है और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी...

भारतीय मूल के प्रधानमंत्री को UK उप-चुनाव में ऋषि सुनक की पार्टी की करारी हार

ब्रिटिश ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को शुक्रवार को पहले से सुरक्षित दो संसदीय सीटों पर...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।