छत्तीसगढ़

अक्षय कुमार और धाकड़ बल्लेबाज शिखर धवन बाबा महाकाल से आशीर्वाद लेने पहुंचे उज्जैन

  उज्जैन भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली है। धवन काफी...

सीरीज आखिरी सच में शिविन नारंग ने तमन्ना भाटिया के साथ काम करने का बताया अनुभव

मुंबई सीरीज आखिरी सच से ओटीटी में डेब्यू करने वाले अभिनेता शिविन नारंग ने अभिनेत्री तमन्ना भाटिया के साथ काम...

कर्नाटक में भाजपा-जद(एस) के एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लडऩे की संभावना!

बेंगलुरु एक बड़े घटनाक्रम के तहत, भाजपा और जद(एस) कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर...

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी ने किया गिरफ्तार

अमरावती आंध्र प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है। यहां पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार कर...

रिलायंस Semiconductor बनाने के मूड में, अंबानी की विदेशी कंपनियों से हो रही बात

मुंबई अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में एंट्री की तैयारी कर ली है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स...

सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण की निविदा अवधि घटाई, 10 लाख से ज्यादा के टेंडर 10 दिन में होंगे मंजूरी

भोपाल  चुनावी साल में राज्य सरकार प्रदेश की सड़कों की तेजी से मरम्मत और नवीनीकरण करना चाहती है। इसके लिए...

प्रदेश प्रभारी यादव कसडोल, बलौदाबाजार व भाटापारा के कांग्रेसजनों से करेंगे मुलाकात

रायपुर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव एवं प्रदेश प्रभारी डॉ. चंदन यादव आज सुबह रायपुर से पलारी, जिला बलौदाबाजार के...

शत्रु संपत्तियां बेच देश को मिलेंगे 1 लाख करोड़, UP के जिलों से हुई शुरुआत

नईदिल्ली शत्रु संपत्तियों से सरकार को बड़े पैमाने पर रकम मिलने की उम्मीद है। इसी के तहत देश भर में...

चुनाव के पूर्व, मतदान के दौरान व पश्चात पुलिस की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है : जुनेजा

रायपुर पुलिस मुख्यालय के कान्फेंस हॉल में आगामी विधानसभा चुनाव, 2023 के दृष्टिगत दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन पुलिस...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।