छत्तीसगढ़

पीडब्लूडी का एक अधिकारी छब्बीस सालों से एक ही जगह खा रहा है मलाई…संपत्ति जांच की उठी मांग अनुकंपा नियुक्ति से एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तक का सफर… पढ़िए पूरी खबर…

पीडब्लूडी का एक अधिकारी छब्बीस सालों से एक ही जगह खा रहा है मलाई...संपत्ति जांच की उठी मांग अनुकंपा नियुक्ति...

*हिन्द इंग्लिष मीडियम स्कूल में किया राजीव अग्रवाल एवं मिर्जा एजाज़ बेग ने ध्वजारोहण*

*हिन्द इंग्लिष मीडियम स्कूल में किया राजीव अग्रवाल एवं मिर्जा एजाज़ बेग ने ध्वजारोहण* रायपुर 15 अगस्त। हिन्द इंग्लिश मीडियम...

*15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए डॉक्टर नेहाल खान*

*15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए डॉक्टर नेहाल खान*   15 अगस्त...

खंडहर में तब्दील हुआ अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया ओल्ड सर्किट हाऊस, आधे-अधूरे तोड़फोड़ कर भूले अफसर

राजधानी रायपुर का सर्किट हाऊस एक तरफ अफसरों, वीआईपी और वीवीआईपी अतिथियों के आगमन से गुलज़ार हो रहा हैं तो...

*जन्माष्टमी की तैयारी को लेकर देवभोग ब्लॉक के यादव समाज ने की बैठक*

*जन्माष्टमी की तैयारी को लेकर देवभोग ब्लॉक के यादव समाज ने की बैठक*   *देवभोग:-**देवभोग ब्लॉक के यादव समाज के...

*काठाडीह की जनसमस्याओं को लेकर महिलाओं समेत नागरिकगण पहुंचे निगम मुख्यालय*

*काठाडीह की जनसमस्याओं को लेकर महिलाओं समेत नागरिकगण पहुंचे निगम मुख्यालय*     काठाडीह बी.एस.यू.पी. कॉलोनीवासी अपनी विभिन्न समस्याओं को...

*शिक्षक और पालको के बीच बेहतर समन्वय के लिए आयोजित मेगा संकुल स्तरीय शिक्षक पालक बैठक में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए पालक*

*शिक्षक और पालको के बीच बेहतर समन्वय के लिए आयोजित मेगा संकुल स्तरीय शिक्षक पालक बैठक में बढ़ चढ़कर हिस्सा...

*वरिष्ठ पत्रकार कौशल शर्मा जी का जन्मदिन इंडियन काफी हॉउस में बड़े धूम धाम से मनाया गया* .*…वरिष्ठ नागरिक जन उपस्तिथ रहे*

*वरिष्ठ पत्रकार कौशल शर्मा जी का जन्मदिन इंडियन काफी हॉउस में बड़े धूम धाम से मनाया गया* .*...वरिष्ठ नागरिक जन...

*काठाडीह बी.एस. यु.पी. कॉलोनी के जनसमस्याओ का निराकरण न होने पर निगम में प्रदर्शन करेंगें*

*काठाडीह बी.एस. यु.पी. कॉलोनी के जनसमस्याओ का निराकरण न होने पर निगम में प्रदर्शन करेंगें*     छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस...

*स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल देवभोग से प्रयास के लिए हुआ पांच छात्रों का चयन*

*स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल देवभोग से प्रयास के लिए हुआ पांच छात्रों का चयन*     देवभोग _ प्रयास...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।