छत्तीसगढ़

सुजल-शक्ति अभियान: जल-जीवन मिशन में जल संरक्षण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा प्रयास

भोपाल जल-जीवन मिशन के तहत "सुजल-शक्ति अभियान" में “जल हमारा-जीवन धारा’’ थीम पर आयोजन किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में सतत्...

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों की बैठक हुई

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को विज्ञान भवन नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की...

सार्वजनिक कार्यक्रम मैं पहुंचे क्षेत्रीय सांसद का किया गया आत्मीय स्वागत

छतरपुर  विधानसभा 53 बड़ामलहरा के सार्वजनिक कार्यक्रम मैं शामिल होने के पहले ग्राम पंचायत देवपुर प्रथम के सरपंच प्रतिनिधि कुंवर...

श्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी   छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कार्पोरेशन के संचालक मंडल की बैठक आज रायपुर के आबकारी भवन में आयोजित की गयी।...

कलेक्टर की अध्यक्षता में औद्योगिक ईकइयों के प्रतिनिधियो के साथ बैठक आयोजित

सिंगरौली विन्ध्यक्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों एवं रोजगार को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला के अध्यक्षता में...

देवेंद्र यादव के खिलाफ कोर्ट में 550 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल

रायपुर बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में 550 पन्नों का आरोप...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात, राज्य की विकास योजनाओं और नक्सल उन्मूलन पर की चर्चा

नई दिल्ली छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। ...

शहर में देर रात गरबा पंडाल से लौट रहे एक दंपती से मारपीट के बाद दो पक्ष आमने-सामने हुए, 7 पर केस दर्ज

आलीराजपुर शहर में देर रात गरबा पंडाल से लौट रहे एक दंपती से मारपीट के बाद दो पक्ष आमने-सामने हो...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।