शिवशंकर सोनपिपरे

अयोध्या में हिंदी नहीं समझने वाले श्रद्धालुओं की दिक्कत भाषा मित्र करेंगे दूर, हेल्पलाइन नंबर होगा जारी

अयोध्या अयोध्या में जल्द ही लोग रामलला के भव्य मंदिर में दर्शन पूजन कर सकेंगे. अगले वर्ष 22 जनवरी को...

रोटी के लिए झगड़े, शिविरों में हताशा: युद्ध ने बिगाड़ा गाजा का सामाजिक ताना-बाना

यरूशलम  इजराइल और फलस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के बीच जारी युद्ध के मध्य हालात ये हैं कि लोग रोटी...

क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार के नियमन के लिए दिशा-निर्देश तय करने के अनुरोध पर सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार के नियमन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को लेकर केंद्र और अन्य...

ग्वालियर दक्षिण सीट पर कांग्रेस ने कांटे की टक्कर, महज 121 वोटों से हुआ था फैसला

ग्वालियर. महज 121 सीटों से किसी उम्मीदवार को उसके चुनाव क्षेत्र में जीत मिले, तो ऐसा परिणाम सालों तक चर्चा...

दीपावली पर वास्तु के अनुसार पूजन-श्रृंगार से खूब बरसेगा पैसा

रायपुर. लक्ष्मी आराधना और स्तुति का पर्व है दीपावली। लक्ष्मी पूजन में कोई कमी न रह जाए,सबका यही प्रयास रहता...

मनोरंजन उद्योग को जीवित रखने के लिए पायरेसी को समाप्त करना जरूरी : अभय सिन्हा

मुंबई  इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन (इम्पा) के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर...

MP Elections 2023: छोटे दलों की वजह से बीजेपी-कांग्रेस के हाथ से फिसल गई थी जीत, अब भी यही डर…

भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुछ जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है। यह क्षेत्रीय दलों की एंट्री की वजह...

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दीपों का त्योहार दिवाली स्वादों का त्योहार भी कहलाता है। भारत में कोई भी त्योहार बिना खाने के अधुरा ही...

चंबल के बीहड़ों में मुकाबला दिलचस्प, सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के कोटे से इन्हें मिला टिकट

मुरैना भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियाें की पांचवी सूची जारी की, जिसमें मुरैना जिले की अंबाह और जौरा सीट के...

भाजपा के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र पर अब छत्तीसगढ़ की जनता देगी जवाब : वर्मा

रायपुर भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र ही छत्तीसगढिया विरोधी है। 15 साल रमन सिंह को अवसर मिला था, छत्तीसगढ़...

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*कृषि विभाग के बीज ग्राम योजना अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर कृषकों के खिले चेहरे* देवभोग:- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बीज ग्राम योजना अंतर्गत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर किसानों के चेहरों में मुस्कान देखने को मिला हैं। ज्ञात हो कि देवभोग विकासखंड अंतर्गत के सैकड़ों किसान इन दिनों ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन,तिलहन एवं मक्का फसल लगाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिसका नजारा देखने को मिला देवभोग कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण कार्यक्रम में जहां किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज लेकर रबी फसल का कार्य शुरू कर दिया हैं। क्षेत्र के किसानों को 60 हेक्टेयर के लिए बीज प्रदाय किया गया एवं चना 100 किसानों को अब तक वितरण किया जा चुका हैं। इसी कड़ी आज देवभोग कृषि विभाग द्वारा सैकड़ों किसानों को चना,मक्का,गेहूं, मसूर एवं अन्य बीज जिला पंचायत सभापति श्रीमती धनमति यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल,कृषि स्थाई समिति सभापति असलम मेमन द्वारा कृषकों को बीज वितरण किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे.एन.नाग,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बसंत कश्यप,संतोष नेताम,ईश्वर दिवान,एवं कृषक लूदर मांझी,शत्रुघन मांझी,उग्रसेन यदु,गिरीश नागेश,हेमसिंह मरकाम,त्रिनाथ मांझी समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे। *क्या है बीज ग्राम योजना*:-बीज ग्राम योजना के तहत 2 से 3 तीन गांव समूहों को मिलाकर एक किसान समूह तैयार किया जाता है। यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग-अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना,राष्ट्रीय बीज रिजर्व,निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है। *वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे. एन. नाग ने कहा शासन द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं का कृषि विभाग द्वारा कृषकों को नियमानुसार जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में बीज वितरण किया जा रहा हैं,आगामी रबी एवं ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।*